
भारत और रूस की बात करें तो इन दिनों इनकी दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कल से शुरू हो रहा है. इस दौरे में उनके कई समझौतों पर साइन करने की उम्मीद है, जिनकी डिटेल्स पर अभी अंदाज़ा लगाया जा रहा है. कृषि सेक्टर की बात करें तो कृषि के मामले में भी रूस की दोस्ती भारत के लिए कई तरह से फायदेमंद रही है. भारत रूस से कई सामान एक्सपोर्ट करता है, तो कुछ इंपोर्ट भी करता है. अब सवाल यह उठता है कि क्या इस दौरे से देश के किसानों और कृषि व्यवस्था को फायदा होगा? उससे पहले, आइए पुतिन के भारत दौरे से जुड़ी खास बातों को जानते हैं.
भारत से रूस को भेजे जाने वाले कृषि उत्पादों की बात करें तो उसमें मछली, झींगा, चावल, तंबाकू, चाय, कॉफी, अंगूर, खाद, रबर से बनी चीजें आदि शामिल हैं. पीछे 10 सालों की अगर बात करें भारत से रूस को भेजे गए एक्सपोर्ट में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, मगर ओवरऑल ट्रेड बढ़ा ही है. 2013 में भारत से रूस को निर्यात 2.42 बिलियन डॉलर का था, जो 2015 में घटकर 1.61 बिलियन डॉलर रह गया था. लेकिन इसके बाद इसमें धीरे-धीरे इसमें सुधार हुआ और 2021 में यह 3.33 बिलियन डॉलर तक पहुंचा. 2022 में यह घटकर 2.93 बिलियन डॉलर रहा, लेकिन 2023 में 4.06 बिलियन डॉलर और 2024 में 4.84 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया.
| वर्ष | निर्यात (अरब डॉलर में) |
| 2013 | 2.42 |
| 2014 | 2.22 |
| 2015 | 1.61 |
| 2016 | 1.81 |
| 2017 | 2.14 |
| 2018 | 2.33 |
| 2019 | 2.87 |
| 2020 | 2.56 |
| 2021 | 3.33 |
| 2022 | 2.93 |
| 2023 | 4.06 |
| 2024 | 4.84 |
वहीं दूसरी तरफ रूस ने भारत को क्या-क्या भेजा अगर इसपर नजर डालें तो रूस से तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, मशीनरी और उपकरण, लकड़ी, पल्प व पेपर उत्पाद, वनस्पति तेल आदि शामिल हैं.
भारत और रूस के बीच खाद व्यापार पिछले कुछ सालों से तेज़ी से बढ़ रहा है. 2025 के पहले छह महीनों में रूस ने भारत को लगभग 2.5 मिलियन टन उर्वरक भेजा. यह मात्रा रूस के कुल उर्वरक निर्यात में एक अहम हिस्सेदारी रखती है और भारत के कुल खाद आयात में रूस का हिस्सा लगभग 33% तक पहुंच गया. जिस वजह से भारत आज रूस के सबसे बड़े खरीदारों में शामिल है. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस ने अपने निर्यात बाज़ारों की दिशा बदली और भारत उसके लिए एक बड़ा और भरोसेमंद बाज़ार बनकर उभरा.
अभी के आंकड़ों के आधार पर यह कहना सही है कि भारत रूस के सबसे बड़े खरीदारों में शामिल देश है. रूस के उर्वरक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2025 में बड़ी तेज़ी से बढ़ी है और दोनों देशों के बीच यह व्यापारिक संबंध और मजबूत हुआ है. लेकिन “भारत रूस का सबसे बड़ा उर्वरक खरीदार है”- यह बात तभी पूरी तरह सही माना जा सकता है जब रूस की कुल निर्यात सूची में भारत की हिस्सेदारी अन्य सभी देशों की तुलना में सबसे अधिक साबित हो.
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