केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अपने पूर्वोत्तर दौरे के तीसरे और अंतिम दिन असम में नागांव जिले के भेलुगुड़ी में स्वयं सहायता समूहों की लखपति दीदियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने लखपति दीदियों से बातचीत करते हुए अपने और उनके अनुभव साझा किए और सशक्तिकरण की प्रेरक कहानियां सुनीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिला है. चौहान ने इस दौरान कहा कि राज्य में कई लखपति दीदियों की कमाई सालाना 10 लाख रुपये तक पहुंच गई हैं और वे मिलियन दीदी बन गई हैं.
चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में असम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का काम बहुत अच्छा चल रहा है. आगे हमारा संकल्प है कि हर गरीब परिवार की बहन स्वयं सहायता समूह से जुड़े. अलग-अलग व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन करें.
असम में असीम क्षमता है. यहां के लोकल उत्पाद, हल्दी से लेकर मिर्ची तक हर उत्पाद को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के जरिए बढ़ाकर स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जा सकती है. यहां की महिलाएं इस दिशा में तेजी से बढ़ भी रही हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘लोकल फॉर वोकल’ विजन सार्थक हो रहा है.
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि कल मैं काजीरंगा में था. वहां अदरक की प्रोसेसिंग का काम देखा, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी देखी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा के कामकाज की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि कई लखपति दीदियों की आमदनी यहां 10 लाख रुपये सालाना तक पहुंच गई है. मैं आपको हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूं. यहां मिलियन दीदी मिल गई जो एक साल में 10 लाख रुपये कमा रही हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उचित प्रशिक्षण और बैंक लिंकेज के कारण 8 लाख 50 हजार दीदियां असम में लखपति दीदी बन गई हैं और जो अन्य 33 लाख बहनें, स्वयं सहायता समूहों में काम कर रही हैं, उन्हें भी जल्द ही लखपति दीदी बनाने की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास जारी है.