एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन को 12 फरवरी को एक साल पूरे होने वाले हैं. आंदोलन ठंडा पड़ते देख किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवबंर से आमरण अनशन शुरू किया, जिसके बाद केंद्र सरकार पर दबाव बना और किसानों को बातचीत का न्योता देना पड़ा. केंद्र के प्रतिनिधि 14 फरवरी को किसानों के साथ मीटिंग करेंगे. इससे पहले एक बार फिर आंदोलन का माहौल ठंडा पड़ता देख किसान संगठनों ने बैठक से पहले तीन अलग-अलग जगहों पर महापंचायतें बुलाई हैं.
किसान यूनियनों ने पहली महापंचायत 11 फरवरी को राजस्थान के रतनपुरा में बुलाई है, इसके अलावा दूसरी महापंचायत खनौरी मोर्च पर 12 फरवरी को और तीसरी महापंचायत 12 फरवरी को शंभू मोर्चे पर होगी, जहां लाखों की संख्या में देश के अलग-अलग कोने से किसान शामिल होंगे. 11 फरवरी को महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा किसान हिस्सा लें, इसके लिए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी सभा को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे.
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने आंदोलन की मजबूती पर कहा कि हम बड़ी संख्या में किसानों को जुटाने में सफल रहे हैं. वहीं, शंभू बॉर्डर पर केंद्र सरकार के अफसरों के दौरे के बाद गतिविधि स्थिर बनी हुई है. केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक का न्योता दिया गया है.
इस बैठक में दोनों किसान संगठनों के शीर्ष नेता शामिल और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसमें किसानों की 12 मांगों पर चर्चा होगी. हालांकि, जगजीत सिंह डल्लेवाल के बैठक में शामिल होने पर अभी सस्पेंस बरकरार है, क्योंकि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से असमर्थता जताई है. लेकिन, यह भी कहा है कि वह 12 और 13 फरवरी को होने वाली महापंचायत में किसानों की राय लेकर ही चंडीगढ़ में होने वाली मीटिंग में जाने को लेकर विचार करेंगे. अगर वे नहीं जाते हैं तो वर्चुअली मीटिंग से जुड़ सकते हैं. इस बीच, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता काका सिंह कोटड़ा और अभिमन्यु कोहाड़ ने किसानों से अपील की है कि वे सरकार से होने वाली मीटिंग के बाद भी उसपर दबाव बनाए रखने के लिए आंदोलन में डटकर समर्थन करें.
इसके अलावा, 'एकता वार्ता को लेकर भी दोनों मोर्चों की संयुक्त किसान मोर्चा से दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी. अब तीसरे दौर की बातचीत को लेकर सस्पेंस जारी है. SKM का हिस्सा किसान जोगिंंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि दोनों मोर्चों की तरफ से बैठक को लेकर कोई रिस्पॉन्स नहीं आ रहा है. हालांकि, इसके बाद KMM के सरवन सिंह पंढेर ने जवाब दिया कि वे बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उन्हें बैठक को लेकर पहले से तय नियम शर्त मंजूर नहीं हैं.
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