कौशांबी: लोहदा कांड को लेकर किसान यूनियन का रेल रोको आंदोलन, सैयद सरावां रेलवे स्टेशन के पास भारी पुलिस फोर्स तैनात

कौशांबी: लोहदा कांड को लेकर किसान यूनियन का रेल रोको आंदोलन, सैयद सरावां रेलवे स्टेशन के पास भारी पुलिस फोर्स तैनात

Farmers protest: रेलवे स्टेशन पर किसानों का जत्था लोहदा कांड को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहा है. इस प्रदर्शन को देखते हुए स्टेशन पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है. इसमें दो एडिश्नल सीओ भी मौजूद हैं. जीआरपी की पुलिस फोर्स भी मौजूद है.

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क‍िसान तक
  • Kaushambi,
  • Jun 09, 2025,
  • Updated Jun 09, 2025, 3:01 PM IST

यूपी के कौशांबी जिले में सैनी कोतवाली क्षेत्र के लोहदा कांड को लेकर किसान यूनियन टिकैत गुट ने सोमवार को रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी है. यहां के रेलवे स्टेशन के पास किसानों का जत्था विरोध प्रदर्शन में बैठ गया है. सैयद सरावां रेलवे स्टेशन के पास रेल रोकने की तैयारी किसान यूनियन ने पहले से कर रखी है जिसको लेकर प्रशासन सतर्क है. रेल रोकने की सूचना पर एएसपी, चायल और सिराथू सीओ, रेलवे की RPF पुलिस और स्थानीय पुलिस सहित भारी मात्रा में पुलिस फोर्स सैयद सरावां रेलवे स्टेशन पर मौजूद है.

वही रेलवे की RPF पुलिस रेलवे स्टेशन और रेलवे लाइन की सुरक्षा में लगी हुई है. किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष चंदू तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों किसान अपनी महापंचायत कर रहे हैं, किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह के आवाहन पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.

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इस धरना प्रदर्शन में महिला किसान भी शामिल हैं. टिकैत गुट के किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष की अगुवाई में यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जिला अध्यक्ष चंदू तिवारी ने कहा कि उनकी मांग है कि लोहदा कांड की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. लोहदा कांड की एसआईटी से जांच हो और दोषी किसी भी हाल में बचना नहीं चाहिए.

किसान यूनियन के नेताओं ने साफ किया कि यह रेल रोको आंदोलन लोहदा कांड के पीडितों को न्याय दिलाने के लिए है. इस पूरे घटनाक्रम पर प्रशासन की नजर बनी हुई है और रेलवे स्टेशन के आसपास भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. अफसरों को किसी भी स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं. दूसरी ओर किसानों का कहना है कि इस कांड में जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.

क्या है लोहदा कांड का पूरा मामला

दरअसल, बुधवार को सैनी थाना क्षेत्र के लोहंदा गांव के रहने वाले रामबाबू तिवारी ने सैनी कोतवाली से कुछ ही दूरी पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक ने अपने पेट और सीने पर सुसाइड नोट लिखा था. उसने सुसाइड नोट पर लिखा था कि लोहंदा गांव के प्रधान भूपनारायण पाल, उसके भाइयों और कुछ करीबियों ने पुलिस की मिलीभगत से मेरे बेटे को एक नाबालिग से झूठे रेप केस में फंसाकर जेल भेज दिया. मैंने अफसरों को बताया कि मेरा बेटा बेगुनाह जेल भेजा गया है. चुनावी रंजिश के चलते ग्राम प्रधान भूपनारायन पाल ने उसे साजिश के तहत फंसाया है, लेकिन मेरी किसी ने नही सुनी. मैं जहर खाकर अपनी जान दे रहा हूं. मेरी मौत के ये सभी लोग जिम्मेदार होंगे.

पुलिस ने परिजनों के तहरीर के आधार पर बुधवार को ही आरोपी भूपनारायन पाल समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था और दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम होने के बाद जब परिजन शव को लेकर गांव जा रहे थे, तभी कानपुर-प्रयागराज राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा करने लगे. यातायात बाधित होने के बाद पुलिस टीम समझाने पहुंची तो भीड़ में मौजूद अराजकतत्वों ने पुलिस टीम से धक्का-मुक्की करते हुए भिड़ गए. इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर अराजकतत्वों को खदेड़ कर यातायात बहाल कराया. अब पुलिस ने इस मामले केस राष्ट्रीय राज्यमार्ग जाम कर गाड़ियों में तोड़फोड़ और पुलिस टीम पर हमले की धाराओं में केस दर्ज चार अराजकतत्वों को गिरफ्तार कर लिया है.

लोहदा कांड पर पुलिस का बयान

कौशांबी के एसपी राजेश कुमार ने कहा, इस संबंध में एक अभियोग दर्ज किया गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगने के संबंध में 10 लोगों को नामजद किया गया है और 20 से 25 लोगो को अन्य अज्ञात हैं जिनको चिहिन्त किया है. इसमें चार लोगों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है. बाकी अन्य के खिलाफ जो भी साक्ष्य हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी. जो भी वह पर घटनाक्रम हुआ है पुलिस से धक्का मुक्की हुआ है, उस संबंध में एफआईआर गंभीर धाराओं में पंजीकृत की गई है. 

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घटनाक्रम ये था कि कुछ दिन पहले जो मृतक है जिन्होंने सुसाइड किया था, इनका कहना है कि गांव के एक मामले में इनका बेटा गांव की एक छोटी बच्ची से रेप के मामले में जेल चला गया था. जबकि उसमें उसका दोष नहीं था. उसी को लेकर उन्होंने सुसाइड की घटना की है. जिन्होंने जेल भेजवाया था, गलत ढंग से उन पर आरोप लगाते हुए उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था. उस संबंध में एक अभियोग मृतक के बेटे की तरफ से तहरीर प्राप्त कर लिखा गया है. उस संबंध में दो लोगों को जेल भेजा गया है. अन्य आवश्यक कार्यवाई की जा रही है.(अखिलेश कुमार का इनपुट)

 

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