तोहफा नहीं, फिर मिली तारीख...अब किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 4 मई को

तोहफा नहीं, फिर मिली तारीख...अब किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 4 मई को

चंडीगढ़ में हुई बैठक अच्छे माहौल में हुई. हालांकि इस बैठक में कोई बड़ा रिजल्ट निकल कर सामने नहीं आया. दोनों पक्ष इस बात पर राजी हुए कि अगली बैठक अब 4 मई को होगी. अगली बैठक के बारे में सरकार और किसानों की ओर से विस्तृत जानकारी दी जाएगी.

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कमलजीत संधू
  • chandigarh,
  • Mar 19, 2025,
  • Updated Mar 19, 2025, 4:38 PM IST

सरकार और किसानों के बीच बुधवार को चंडीगढ़ में हुई मीटिंग खत्म हो गई. इस मीटिंग में कोई बड़ा रिजल्ट निकल कर सामने नहीं आया. हालांकि दोनों पक्ष इस बात पर राजी जरूर हुए कि अब अगली बैठक 4 मई को होगी. मीटिंग के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पंजाब के मंत्री हरपाल चीमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें शिवराज सिंह चौहान ने कहा, भारत सरकार ने कहा कि वे विभिन्न पक्षकारों के साथ देशव्यापी बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि बातचीत अच्छे माहौल में हुई.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरपाल चीमा ने कहा, आज केंद्र और किसानों और पंजाब के नेताओं के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. पिछली बैठक में एमएसपी से संबंधित आंकड़े साझा किए गए. इसलिए केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि पूरे देश के हितधारकों की बात सुनी जाएगी. चीमा ने मीटिंग के बाद प्रेस को बताया कि अगली बैठक की तारीख 4 मई तय की गई है और आज की बैठक दोनों पक्षों के बीच बढ़िया माहौल में संपन्न हुई.

अलग-अलग पक्षकारों से बात करेगी सरकार

चीमा ने बताया कि आज की मीटिंग में इस बात पर रजामंदी बनी कि देश के जो भी पक्षकार या किसान संगठन एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग कर रहे हैं, उनसे 4 मई के पहले बात की जाएगी. उन सभी पक्षकारों से बात करने और उनकी सलाह लेने के बाद सरकार अगली मीटिंग में इस पर बात करेगी.

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बैठक में ये मंत्री-किसान नेता मौजूद

इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी मौजूद रहे जबकि उनके साथ कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी भी थे. इसके अलावा कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी थे. पंजाब के मंत्री गुरमीत खुड़ियां और हरपाल चीमा मीटिंग में मौजूद रहे. उधर किसानों की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर मौजूद थे. इन दोनों नेताओं की अगुवाई में 28 किसान नेता चंडीगढ़ मीटिंग में पहुंचे थे.

किसान नेताओं ने दी ये जानकारी

बैठक के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, चूंकि केंद्र सरकार के पास एमएसपी कानूनी गारंटी के कार्यान्वयन के बारे में कुछ मुद्दे थे, इसलिए केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए समय मांगा और अगली बैठक 4 मई को होगी. सरवन पंधेर ने कहा, तीन घंटे की बैठक एमएसपी कानूनी गारंटी पर केंद्रित थी. हमें नहीं लगता कि एमएसपी के कार्यान्वयन में कोई समस्या आएगी, लेकिन सरकार को ऐसा लगता है, इसलिए उन्होंने 4 मई तक का समय मांगा है. इसलिए हमने उनसे कहा कि वे आगे बढ़ें और समय लें. किसान नेता काका सिंह ने कहा, हमने सरकार के साथ मामला उठाया कि शंभू और खनौरी में पुलिस बल बढ़ाया गया है. सरकार ने हमें बताया कि ऐसा कुछ नहीं है. अब कई किसान सीमा पर पहुंच गए हैं. हम सभी नेता सबसे पहले शंभू जाएंगे.

क्या कहा सरवन सिंह पंधेर ने?

मीटिंग से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में भाग लेगा. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं. पंधेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके मुद्दों का समाधान करेगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम सकारात्मक सोच के साथ बैठक के लिए यहां आए हैं. बैठक के बाद कोई निर्णय आना चाहिए. हमें उम्मीद है कि एमएसपी गारंटी कानून पर गतिरोध समाप्त होगा और वार्ता आगे बढ़ेगी."

पहले की मीटिंग में क्या-क्या हुआ?

इस बैठक से पहले फरवरी 2024 में केंद्रीय मंत्रियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच चार दौर की बैठकें हुईं, लेकिन वार्ता बेनतीजा रही. प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी.

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एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, किसानों के खिलाफ पुलिस मामलों को वापस लेने, उत्तर प्रदेश में 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.(असीम बस्सी के इनपुट के साथ)

 

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