
फिल्म अभिनेत्री और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं. एक्ट्रेस के खिलाफ किसानों के अपमान और राजद्रोह के आरोपों पर अब उत्तर प्रदेश के आगरा में मुकदमा चलेगा. आगरा में एमपी-एमएलए मामलों की विशेष अदालत ने बुधवार को हुई सुनवाई में कंगना के खिलाफ दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया है. स्पेशल जज लोकेश कुमार की अदालत ने कहा कि जिस निचली अदालत ने पहले कंगना के खिलाफ दर्ज केस को खारिज किया था, अब वही अदालत इस प्रकरण पर दोबारा सुनवाई करेगी. कोर्ट ने बताया कि अब कंगना पर आईपीसी की धारा 356 और 152 के तहत केस चलेगा.
दरअसल, एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कंगना रनौत के खिलाफ राजद्रोह की याचिका दायर की थी. उनका आरोप था कि कंगना ने 26 अगस्त 2024 को दिए एक इंटरव्यू में किसानों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे देशभर के किसानों की भावनाएं आहत हुईं. याचिकाकर्ता रमाशंकर शर्मा ने बताया कि वह खुद किसान परिवार से हैं और 30 वर्षों तक खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि कंगना के बयान ने किसानों के साथ-साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति भी अनादर दिखाया है. इस बयान से लाखों किसानों की भावनाएं आहत हुई हैं.
शर्मा ने 31 अगस्त को पुलिस कमिश्नर और थाना न्यू आगरा में भी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को उन्होंने एक समाचार पत्र में कंगना का बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था, 'अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक किसान काले कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे थे. उस दौरान रेप और मर्डर हुए. अगर देश का नेतृत्व मजबूत न होता, तो देश के हालात बांग्लादेश जैसे हो जाते.' शिकायतकर्ता का कहना है कि इस बयान से किसानों को 'हत्यारा, बलात्कारी, आतंकवादी और उग्रवादी' के तौर पर पेश किया गया है. अब अदालत इस पूरे मामले की 29 नवंबर को विस्तृत सुनवाई करेगी.
कंगना पहली बार विवादों में आई हैं, ऐसा नहीं है. किसान आंदोलन पर कंगना पहले भी विवादित बयान दे चुकी हैं. एक बार तो उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर आंदोलनकारी किसानों की तुलना खालिस्तानियों से कर डाली थी. कंगना ने एक्स (तब ट्विटर ) पर अपनी पोस्ट में लिखा था, 'ये खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर प्रेशर बना रहे हैं लेकिन हमें इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने इनको अपनी जूती के कुचलवा दिया था.'
इसके अलावा कंगना दिसंबर 2020 में किसान आंदोलन के दौरान एक महिला की फोटो पोस्ट की और लिखा कि आंदोलन में शामिल ये बुजुर्ग महिला वहीं फेमस बिलकिस दादी हैं जो शाहीन बाग आंदोलन का हिस्सा थीं. बुजुर्ग महिला पर दिए बयान को लेकर कंगना पर बठिंडा कोर्ट में भी केस दर्ज हुआ था. 27 अक्टूबर को कंगना इस मामले में अपने खिलाफ दायर मानहानि के एक मामले में कोर्ट में पेश हुईं. उन्होंने कोर्ट में माफी मांगी और कहा कि उनके 2021 के ट्वीट को लेकर 'गलतफहमी' है और उनके लिए हर 'माता' सम्माननीय है.
अभिनेत्री की पेशी से पहले बठिंडा अदालत परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.
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