Haryana: धान की खरीद में धोखाधड़ी का आरोप, चढ़ूनी गुट ने डीसी को लिखा पत्र

Haryana: धान की खरीद में धोखाधड़ी का आरोप, चढ़ूनी गुट ने डीसी को लिखा पत्र

पत्र में कहा गया है कि प्रदेश की मंडियों में किसानों की धान की फसल पर अवैध कट लगाए जा रहे हैं. इसका तरीका वर्तमान व्यवस्था में सबसे पहले मंडी क्षेत्र के सेलरों (चावल मिल मालिकों) को धान दिया जाता है, फिर ब्लॉक स्तर पर, फिर जिले के अन्य सेलरों को और अंततः दूसरे जिलों के शेलरों को मौका दिया जाता है.

धान की खरीद में धोखाधड़ी का आरोपधान की खरीद में धोखाधड़ी का आरोप
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 16, 2025,
  • Updated Oct 16, 2025, 12:56 PM IST

हरियाणा की मंडियों में धान की सरकारी खरीद 22 सितंबर से ही शुरू हो चुकी है. इस बीच राज्य की कई मंडियों में उपज का कम दाम मिलने और खरीद में धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं. ऐसा ही एक मामला कुरुक्षेत्र से आया है, जहां धान खरीद नीति में बदलाव करने और धान खरीद में भ्रष्टाचार करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करवाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) की ओर से कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को पत्र लिखा गया है.  

धान की फसल पर लगाए जा रहे अवैध कट

पत्र में कहा गया है कि प्रदेश की मंडियों में किसानों की धान की फसल पर अवैध कट लगाए जा रहे हैं. इसका तरीका वर्तमान व्यवस्था में सबसे पहले मंडी क्षेत्र के सेलरों (चावल मिल मालिकों) को धान दिया जाता है, फिर ब्लॉक स्तर पर, फिर जिले के अन्य सेलरों को और अंततः दूसरे जिलों के शेलरों को मौका दिया जाता है. यह व्यवस्था सही नहीं है  क्योंकि कुछ शेलर इस नीति का दुरुपयोग कर आढ़तियों से धान उठान नहीं करके मनमानी शर्तें थोपते हैं, और किसानों से अवैध कट लगाकर जबरदस्ती वसूली करते हैं.

उठान न होने के कारण आढ़ती परेशान होते हैं और वे मिलकर किसानों पर दबाव डालते हैं. इसका नुकसान सीधे किसानों को होता है और उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिल पाता. इस सारे अवैध सिस्टम के पीछे अधिकारियों की मिलीभगत होती है. मंडियों से मिली जानकारी के अनुसार 6 रुपये से 10 रुपये प्रति बैग खरीद एजेंसी के अधिकारियों को जाता है और 2 रुपये से 5 रुपये तक मंडी प्रशासन को जाता है. इसी प्रकार 12000 रुपये प्रति गाड़ी एफ़सीआई के अधिकारियों को जाता है, यह एक बड़ा खेल मंडियों में चल रहा है. इसकी पुष्टि सरकार गुप्तचर विभाग के माध्यम से या किसी बड़ी जांच एजेंसी से करवा सकती है.  

अधिकारियों और किसानों के बीच बढ़ रहा टकराव

पत्र में लिखा गया है, शेलर अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए धान क्वालिटी के नाम पर, नमी के नाम पर या अन्य बहाने से किसानों को उपज का कम दाम दे रहे हैं. इस मामले का विरोध आए दिन किसान मंडियों में कर रहे हैं और रिश्वतखोरी के चलते ये अधिकारी किसानों की जायज मांगों को भी जानबूझकर अनसुना करते हैं. उनका समाधान नहीं करते जिस कारण आए दिन अधिकारियों और किसानों के बीच टकराव बढ़ रहा है.      

कमीशनखोरी कर रहे हैं मंडी अधिकारी

पत्र में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने लिखा है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के प्रबंधक अधिकारी राजेश आर्य डी.एफ़.एस.सी. कुरुक्षेत्र शेलर मालिकों के साथ मिलकर कमीशनखोरी के चक्कर में मनमानी तरीके से धान उठान का आदेश देते हैं. शाहबाद अनाज मंडी के चढ़ूनी सेंटर से उठान को लेकर कई बार अपील की गई, क्योंकि  हमारी दुकान पर बंत सिंह एंड संस पर शेलर वाले कट के चक्कर में उठान नहीं कर रहे थे और किसानों के भुगतान में देरी हो रही थी. हमने 26-09-2025 को विधाता राइस मिल, पेहवा के लिए उठान की अनुमति के लिए अनुरोध किया और उसके बाद कई बार अनुरोध करने पर भी आदेश जारी नहीं किए गए. उठान बहुत धीमी गति से हुआ जिससे भारी मात्रा में धान खराब भी हुआ. 

इसके अलावा उठान नहीं होने के कारण मंडी में धान रखने की जगह भी नहीं है, जिस कारण उपायुक्त कुरुक्षेत्र और राजेश आर्य डी.एफ़.एस.सी. ने बताया कि 14-09-2025 तक जिला प्रशासन की तरफ से किसी अन्य मंडी से उठान के आदेश नहीं दिए, जबकि शाहबाद ब्लॉक के 10 शेलरों में RD एग्रो, भगत राइस मिल, दयाराम राइस मिल, डॉ. राइस मिल के साथ-साथ 6 अन्य राइस मिल बिना अनुमति पत्र के कुरुक्षेत्र मंडी से धान उठान कर रहे थे. कृपया इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें और दोषियों को तुरंत निलंबित किया जाए क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार की आशंका है. 

गाड़ियों को गलत तरीके से दिए जा रहे गेट पास

पत्र में लिखा गया है कि दिनांक 06.10.2025 को शिव शक्ति राइस मिल और श्री गणेश राइस मिल सहित तीन राइस मिल के लिए 21 गाड़ियों के अनुचित तरीके से गेट पास काटे गए, लेकिन न तो धान मंडी में आया, न लोड हुआ और न ही सेलरों तक पहुंचा. हमें शक है कि यह पूरे मामले में जिला अधिकारी की मिलीभतग है, क्योंकि खरीद अधिकारी और राइस मिल का पासवर्ड जिला अधिकारी के पास होता है. जब इस धांधली की जानकारी मिल मालिकों को मिली तो उन्होंने इसका मोखिक विरोध दर्ज कराया. बाद में खरीद अधिकारी ने तकनीकी खराबी का हवाला देकर गेट पास रद्द करने का आवेदन दिया. यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच जरूरी है. 

इसके अलावा पत्र में लिखा गया है कि दिनांक 08.10.2025 को सुबह गाड़ी नंबर HR64 5569 और HR46 C 6936 को ढांड मंडी खड़ी में देखा गया, जबकि गेट पास पेहवा मंडी से जारी था और महादेव राइस मिल में दिखाया गया. कृपया पेहवा अनाज मंडी और राइस मिल के सीसीटीवी फुटेज की जांच करनी चाहिए ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके.   

अधिकारी की जांच होना बेहद जरूरी

पत्र में ये भी लिखा गया कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा जिला प्रबंधक पद पर नियुक्त राजेश आर्य का पद जिला अधिकारी के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि उनका पद DFSO है, जबकि जिला अधिकारी के लिए DFSC पद जरूरी है. इस अधिकारी को पद-स्थापन किस आधार पर दिया गया यह भी जांच का विषय है. इन्हें तुरंत पद मुक्त किया जाए क्योंकि राकेश आर्य डी.एफ़.एस.सी. कुरुक्षेत्र के विरुद्ध सन् 2015-16 में सिरसा जिले में भ्रष्टाचार के तहत मुकदमा भी दर्ज है और उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था.  

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने अपने पत्र में लिखा है कि हमारी मांग है उपरोक्त सभी बिंदुओ की निपक्षता से किसी बड़ी जांच एजन्सी से सारे मामले  की जांच कारवाई  जाए और धान खरीद में हुए भ्रष्टाचार और अवैध वसूली  करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए.

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