झारखंड में अक्टूबर और नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले यहां पर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. ताजा जानकारी के मुताबिक यहां पर 10 राजनीतिक पार्टियों ने एक तीसरा मोर्चा बनाया है जो आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाएगा. इस मोर्चे का नाम झारखंड नवनिर्माण महासभा थर्ड एलायंस यानी (जनमत) है. यह मोर्चा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अगुवाई वाले एनडीए और कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ेगा.
इस गठबंधन की अगुवाई झारखंड पीपुल्स पार्टी (जेपीपी) के प्रेसीडेंट सूर्य सिंह बेसरा के साथ जेएमए (उलगुलन) के मुखिया कृष्ण मर्दी कर रहे हैं. आठ अगस्त को जमशेदपुर में इस तीसरे मोर्चे की बैठक होगी जिसमें एक समन्वय समिति बनाई जाएगी. यह घोषणा पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में की. तीसरा मोर्चा राज्य के सभी 81 विधानसभा सीटों पर उम्मीवार उतारेगा. बेसरा ने कहा कि झारखंड का निर्माण हुए 24 साल हो चुके हैं. 17 साल बीजेपी और फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार रही है. लेकिन दोनों ही राजनीतिक पार्टियों ने झारखंड को सिर्फ ठगने का काम किया है.
यह भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर में चुनाव कराना, केंद्र सरकार का अहसान नहीं...बीजेपी पर बरसे पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान दोनों ने जो भी वादे किए थे, पूरे नहीं किए. इसलिए अब झारखंड नवनिर्माण महासभा थर्ड अलायंस का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि आगामी चुनाव में उनका गठबंधन राज्य की सभी 81 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगा और सरकार बनाने का काम करेगा. सरकार बनी तो एक गांव को पांच करोड़ रुपये का फंड देकर वहां की तस्वीर बदली जाएगी. भ्रष्टाचार जीरो होगा, युवाओं को रोजगार मिलेगा और महिलाओं को आरक्षण देने पर विशेष जोर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें-कुंभ मेले के मुआवजे के लिए किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
लोकसभा चुनाव मनमुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद अब बीजेपी की नजर तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है. यह चुनाव खासकर बीजेपी के लिए अग्निपरीक्षा मानी जा रही है, जिसे लेकर पार्टी कमर कस चुकी है. झारखंड में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने 30 सीटें, बीजेपी ने 25, कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हरियाणा में विधासनभा की कुल 90 सीटें हैं. 2019 के चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें, कांग्रेस को 31 सीटें, जेपीपी को 10 सीटें मिली थी तो वहीं अन्य के खाते में 9 सीटें गई थी.