मोसंबी का सही मार्केट प्राइस न मिलने की वजह से जालना के किसानों ने अपने मोसंबी के बागों को JCB से नष्ट कर दिया है. अंबड़ तहसील के पिथोरी सिरसगांव और बरसवाड़ा के दो किसानों ने करीब साढ़े चार एकड़ का मौसंबी का बाग JCB से नष्ट कर दिया. मौसंबी का सही मार्केट प्राइस न मिलने की वजह से जालना के किसान पैसे की तंगी से जूझ रहे हैं.
जालना जिला पूरे महाराष्ट्र और देश में मौसंबी उगाने वाले बड़े ज़िले के तौर पर जाना जाता है. यहां के किसान बड़ी मात्रा में मौसंबी की खेती करते हैं और इसे पूरे राज्य और देश में सप्लाई करते हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों से मौसंबी का बाज़ार भाव सिर्फ़ दस से बारह रुपये प्रति किलोग्राम होना किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है.
जालना जिले में मौसंबी उगाने वाले किसान परेशान हैं क्योंकि वे प्रोडक्शन कॉस्ट, पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर भी नहीं खरीद पा रहे हैं. इसके अलावा, बदलते मौसम की वजह से मौसंबी के बागों में बीमारियां और फल गिरने का खतरा बढ़ गया है.
इन पैसों की दिक्कतों की वजह से, अंबाड तहसील के बरसवाड़ा के किसान पांडुरंग पाटिल गटकल ने अपने ढाई एकड़ मौसंबी के बाग से सारे पेड़ JCB से उखाड़ दिए. वहीं, पिथोरी सिरसगांव के किसान कैलाश खोमाने ने अपने दो एकड़ मौसंबी के बाग को JCB से पूरी तरह खत्म कर दिया.
दोनों किसानों ने बड़ी मेहनत से इन बागों की खेती की थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्हें बहुत कम दाम मिलने की वजह से उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया. इस बीच, जालना के मौसंबी के किसान सरकार और प्रशासन से मौसंबी के लिए सही बाज़ार दाम की मांग कर रहे हैं. (गौरव विजय साली का इनपुट)