Apple a day keeps the doctor away. यानी रोज एक सेब अगर आप खाते हैं तो बीमारियों से दूर रह सकते हैं. यह कहावत हम अपने बड़ों से सदियों से सुनते आ रहे हैं. तभी तो हमें हर रोज एक सेव खाने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं जब भी घर में या कोई दोस्त या फिर जानने वाला बीमार होता है तो हम उसके लिए भी सेब लेकर जाते हैं. सेब आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. सेब में आहार फाइबर, विटामिन सी, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट शामिल हैं. ऐसे में आइये जानते हैं सेब के अन्य 6 अलग-अलग प्रकार के बारे में.
कश्मीरी सेब, जिसे अंबरी सेब के नाम से भी जाना जाता है. यह सेब मुख्यतः कश्मीर में पाया जाता है. यह सेब अपनी मीठी सुगंध के कारण उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है. इस सेब का बाहरी भाग क्रिमसन और कुछ हद तक हरे रंग का होता है. इसकी मांग ना सिर्फ कश्मीर बल्कि अन्य राज्यों और देशों में भी है.
उत्तराखंड, यूपी और हिमाचल प्रदेश में यह मैकिन्टोश सेब उगाए जाते हैं. यह सेब अपने नरम छिलके, मलाईदार गूदे और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है. इस सेब का इस्तेमाल अन्य चीजों के लिए भी किया जाता है. जैसे एप्पल जेली, जैम आदि.
यह सेब की सबसे सबसे पारंपरिक किस्म है. इस सेब को इसके स्वाद, गंध और बनावट से पहचाना जा सकता है. इसका उपयोग पेस्ट्री, केक, जैम, जूस और कैंडी बनाने के लिए किया जाता है. इसको खाने से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं.
यह एक मीठे सेब की किस्म है और अपनी कुरकुरी बनावट और मिठास के लिए प्रसिद्ध है. इसकी ताजगी इसके सेल्फ लाइफ को बढ़ाता है. जिस वजह से इस सेब का निर्यात आसानी से किया जा सकता है.
सेब की यह किस्म अपने हरे और सुनहरे छिलके के लिए जाना जाता है. यह विशेष किस्म सभी प्रकार के लोगों द्वारा पसंद की जाती है क्योंकि इसकी नरम छिलका, सुगंध, चिकनी बनावट और अद्भुत मिठास होती है.