चाहे आलू-मटर की गरमा गरम सब्जी हो या मटर पुलाव का स्वाद, हरी मटर हर थाली को खास बना देती है. अच्छी बात यह है कि इसे घर पर उगाना बेहद आसान है.
बालकनी, छत या आंगन, जहां थोड़ी धूप आती हो, वहीं आप मटर उगा सकते हैं. आजकल शहरी किचन गार्डन में मटर की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है क्योंकि यह कम जगह, कम समय और कम लागत में तैयार हो जाती है.
कौन से मौसम में लगाएं मटर: हरी मटर ठंडी जलवायु की फसल है. इसे लगाने का सही समय सितंबर से दिसंबर तक होता है. इस मौसम में तापमान और नमी का संतुलन मटर के बीजों के अंकुरण के लिए अच्छा रहता है.
घर में कहां और कैसे उगाएं मटर: मटर को आप घर पर ही किसी भी कंटेनर में उगा सकते हैं. इसे उगाने के लिए बड़े गमले, पुरानी बाल्टियां का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन बस इस बात का ध्यान रखें कि उस बर्तन में नीचे पानी के निकास के लिए छेद हो.
कैसी होनी चाहिए मिट्टी: मटर को हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद होती है. आप गार्डन की मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिलाकर उपजाऊ माध्यम तैयार कर सकते हैं.
बीज बोने का तरीका: बीज बोने से पहले उन्हें 6-8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें. इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं. इसके बाद इन्हें 1 से 2 इंच गहराई में मिट्टी में बोएं. बीजों के बीच 2-3 इंच की दूरी रखना जरूरी है ताकि पौधों को फैलने की जगह मिले.
मटर की फसल कब होती है तैयार: बीज बोने के लगभग 60 से 80 दिन बाद मटर की फलियां पककर तैयार हो जाती हैं. जब फली गहरे हरे रंग की और मोटी दिखने लगे, तब समझिए कि यह तोड़ने लायक हो गई है. हर दो-तीन दिन में फलियां तोड़ते रहिए.