उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने के बाद लाचेन घाटी में बहने वाली तीस्ता नदी में बुधवार को अचानक आई बाढ़ आ गई. इसकी वजह से सेना के 22 जवान इस बाढ़ में लापता हो गए.
भारतीय सेना के लापता 22 जवानों की तलाश और बचाव अभियान जारी है. इस बीच, त्रिशक्ति कोर के सैनिक उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन क्षेत्रों में फंसे नागरिकों और पर्यटकों को चिकित्सा सहायता और टेलीफोन कनेक्टिविटी प्रदान कर रहे हैं.
22 लापता सैनिकों का पता लगाने के लिए भारतीय सेना के त्रिशक्ति कोर के जवानों द्वारा खोज और बचाव अभियान जारी है. सिंगताम के पास बुरदांग में कीचड़ में डूबे वाहनों को निकालने की लगातार कोशिशें जारी हैं.
लापता व्यक्तियों की तलाश अब तीस्ता नदी के निचले इलाकों में काफी तेजी से की जा रही है. शुरुआती 23 लापता जवानों में से एक जवान 04 अक्टूबर की शाम को ही सही सलामत मिल गया था.
लापता लोगों के परिजनों से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दे दी गई है. सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात अन्य सभी भारतीय सेना के जवान सुरक्षित हैं. वहीं मोबाइल संचार में आ रही दिक्कतों के कारण वे अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असमर्थ हैं.
घटना को देखते हुए प्रशासन ने तीस्ता नदी के किनारे बसे कई गांवों के लोगों को खाली करा दिया गया है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है. सिंगतम सीनियर सेकंडरी स्कूल में लोगों को शरण देने के लिए अस्थायी कैंप बनाए गए हैं.