पशुपालन विशेषज्ञों के द्वारा गर्मी का मौसम न सिर्फ इंसानों के लिए, बल्कि पशुओं के लिए भी काफी मुश्किल भरा होता है. जब तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो डेयरी पशुओं में हीट स्ट्रोक (गर्मी का तनाव) की समस्या सामने आती है. इसी कड़ी में हम जानेंगे कि गर्मियों में डेयरी पशुओं की देखभाल कैसे की जाए ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिल सके.
गर्मी के मौसम में जब तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है, तो कई बार पशुओं को लू लग जाती है. खासकर विदेशी या संकर नस्ल के पशु इस मौसम में ज्यादा प्रभावित होते हैं. यदि पशुशाला में बहुत अधिक पशु हों या वहां वेंटिलेशन (हवा की निकासी) की सही व्यवस्था न हो, तो लू लगने का खतरा और भी बढ़ जाता है.
चारा और आहार में बदलाव करें: गर्मियों में दाना कम और रसदार हरा चारा अधिक दें. यदि हरा चारा उपलब्ध न हो, तो साइलेज का प्रयोग करें. भोजन को पचाने में आसान रखें जिससे पशु पर अधिक दबाव न पड़े.
पानी की पर्याप्त व्यवस्था करें: दिन में 3 से 4 बार ठंडा पानी जरूर पिलाएं. पीने का पानी साफ और शीतल होना चाहिए. पशुशाला में पानी के टब या स्वचालित ड्रिंकर लगवाना लाभकारी होगा.
ठंडी और आरामदायक जगह दें: पशुओं को धूप से बचाकर छायादार स्थान पर रखें. पशुशाला में हवा की निकासी का अच्छा प्रबंध करें. जरूरत हो तो कूलर या पंखा भी लगाएं.
हीट स्ट्रोक का घरेलू इलाज: गंभीर हालत में पशु चिकित्सक की मदद से नसों में ग्लूकोज चढ़वाएं. हर्बल दवा जैसे रेस्टोबल 50 मि.ली. दिन में दो बार दें. पशु को दिन में 2 से 4 नींबू खिलाएं, यह शरीर को ठंडक देता है. शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो, इसके लिए रोजाना 50-100 ग्राम खनिज मिश्रण दें.
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय: पशुओं के लिए समुचित प्रजनन कार्यक्रम और संतुलित आहार योजना अपनाएं. खेतों और पशुशालाओं में कूलिंग स्ट्रेटजी जैसे फॉगर्स या वाटर स्प्रिंकलर्स लगाएं. पशु की त्वचा और शरीर की साफ-सफाई रखें ताकि संक्रमण का खतरा न हो. (लेखक: डॉ. जय प्रकाश, वैज्ञानिक पशुपालन, के.वी.के. दिल्ली)