PHOTOS: सरकारी बेरुखी से किसान त्रस्त, ढाई एकड़ में लगे नींबू के बाग को उजाड़ा

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PHOTOS: सरकारी बेरुखी से किसान त्रस्त, ढाई एकड़ में लगे नींबू के बाग को उजाड़ा

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beed farmer

महाराष्ट्र के बीड जिले में मोठीवाड़ी के एक किसान ने सरकार की बेरुखी से तंग आकर ढाई एकड़ नींबू के बाग को उजाड़ दिया है. किसान का नाम रामभाऊ नारायण गोले पाटिल है जिन्होंने दस साल पहले नींबू का बाग लगाया था.

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beed lemon farmer

पिछले दस सालों में इस किसान ने बगीचे की देखभाल की है, लेकिन पिछले तीन साल में सरकार ने किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया. जबकि पाटिल की तरह और भी कई किसानों की फसलों पर कुदरती मार पड़ी है. कई बार नींबू के बाग बर्बाद हुए हैं मगर सरकार से कोई मदद नहीं मिली है.

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lemon farming

किसान रामभाऊ पाटिल का कहना है कि उन्हें बाग को दोबारा शुरू करने और नींबू की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार से कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि मंडी में माल बेचने के लिए भी सहयोग नहीं मिला. मार्केट कमेटी के सामने आंदोलन करने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी गई.

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lemon cultivation

किसान का आरोप है कि जब सरकार और प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने निजी बाजार में दस फीसद कमीशन पर बाजार चलाने वाले व्यापारियों को माल बेच दिया. अगर सरकार से मदद मिली होती तो उपज के अच्छे दाम मिले होते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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lemon farming in beed

किसान नारायण गोले पाटिल सरकारी बेरुखी से इतने तंग आ गए कि उन्होंने ढाई एकड़ में लगे नींबू के बाग को उजाड़ दिया. यहां तक कि नींबू के पेड़ों को जलाकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी. इस किसान का कहना है कि और भी नींबू किसान अपनी खेती से परेशान हैं. किसान गोले पाटिल ने आरोप लगाया है कि नींबू की फसल खराब होने के बाद मुआवजे लेने के आवेदन को तहसीलदारों ने नजरंदाज किया.

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lemon farming in Maharashtra

किसानों का कहना है कि फसल का पंचनामा कराए जाने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला. इसके बाद यह मामला किसान मजदूर पार्टी की ओर से अनुविभागीय अधिकारी मजलगांव के सामने रखा गया. इतना कुछ होने के बाद भी नारायण गोले पाटिल को मुआवजा नहीं मिला. पाटिल का आरोप है कि आत्मदाह की चेतावनी देने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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maharashtra lemon farming

नारायण पाटिल ने 27 मई तक फसल मुआवजा देने का आग्रह किया था, वरना आंदोलन की चेतावनी दी थी. लेकिन 27 मई की तारीख गुजर गई और सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आक्रोशित किसान मजदूर पार्टी की ओर से नारायण गोले पाटिल ने चेतावनी दी है कि वे तीन जून को दोपहर 12 बजे आत्मदाह कर लेंगे, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई.

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