देशभर में करोड़ों किसान केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही सेंट्रल सेक्टर स्कीम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं. किसानों को सालाना 6000 रुपये तीन समान किस्ताें में सीधे उनके खाते में मिल रहे हैं. योजना का लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिल रहा है. लेकिन कई किसान जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं करने के कारण किस्त के लाभ से वंचित रह जाते हैं. सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद और पात्र किसानों को योजना का लाभ मिले. इस बीच, अब उत्तर प्रदेश के एक जिले से इस योजना का लाभ लेने वाले लाखाें किसानों की 19वीं किस्त पर संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं.
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मऊ जिले में 3 लाख से ज्यादा किसान रजिस्टर्ड हैं और इनमें से 2,45,872 किसान पीएम किसान स्कीम का लाभ उठाते हैं, लेकिन इनमें से 2,12,667 किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई है, जिसके कारण बड़ी संख्या में इस जिले के किसान 2000 रुपये की 19वीं किस्त से वंचित रह सकते हैं.
मालूम हो कि सरकार ने पीएम किसान समेत तमाम खेती-किसानी से जुड़ी योजना के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी है. ऐसे में जो किसान इस काम को पूरा नहीं करवाएंगे उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार की ओर से पहले 31 दिसंबर 2024 तक इस काम को पूरा करने का समय दिया गया था, लेकिन सर्वर स्लो होने समेत कई दिक्कतों के सामने आने के बाद इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी गई है. अगर इसके बाद भी किसानों ने यह काम पूरा नहीं किया तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
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सरकार की ओर से गांव-गांव कैंप लगाकर किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के द्वारा यूनिक आईडी बनाई जा रही है. विभाग के मुताबिक, फार्मर रजिस्ट्री का काम पूरा करने के लिए हर ग्राम पंयाचत में दो कर्मचारियों को तैनात किया गया है. इसमें लेखपाल और एक अन्य विभाग के कर्मचारी को किसानों की यूनिक आईडी जनरेट करने की ड्यूटी पर लगाया गया है.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान स्कीम की 18वीं किस्त 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के वाशिम से जारी की थी. 18वीं किस्त के तहत 9 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि ट्रांसफर की गई थी. यह योजना साल 2019 से चल रही है. किसानों के खाते में हर चार माह के अंतराल में 2000 रुपये की किस्त डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है.