By election in UP : उपचुनाव वाली 10 सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों में मचा घमासान

By election in UP : उपचुनाव वाली 10 सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों में मचा घमासान

यूपी की 10 Assembly Seats पर उपचुनाव होना है. इसे 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. सत्ताधारी गठबंधन में BJP ने और विपक्ष के INDIA गठबंधन में सपा ने इस चुनाव को नाक का सवाल बना लिया है. भाजपा और सपा सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, मगर इनके घटक दलों ने भी अपने मतलब की सीटों पर उम्मीदवार उतारने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Aug 22, 2024,
  • Updated Aug 22, 2024, 6:30 PM IST

इस साल मई में हुए लोकसभा चुनाव की तमाम सीटों पर यूपी सहित अन्य राज्यों के विधायक चुनाव जीत कर सांसद बने थे. इस कारण खाली हुई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. यूपी में कुछ अन्य कारणों से भी विधानसभा सीटें खाली हुई थी, इसलिए राज्य की कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. पहले उम्मीद की जा रही थी कि Election Commission हरियाणा और जम्मू कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के साथ ही यूपी में भी उपचुनाव करा लेगा, लेकिन आयोग ने इन सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया. अब माना जा रहा है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव कराया जा सकता है. इसके मद्देनजर सत्तारूढ़ NDA और विपक्ष के INDIA Alliance के घटक दलों ने सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथापच्ची शुरू कर दी है. हालांकि घटक दलों की दावेदारी को देखते हुए दोनों पक्षों के लिए यह काम आसान नहीं दिखता है.

इन सीटों पर होना है उप चुनाव

यूपी की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें मैनपुरी जिले की VIP Seat करहल भी शामिल है. इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विधायक थे. उनके सांसद बनने के कारण इस सीट पर उपचुनाव होना है.

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वहीं, भाजपा ने गाजियाबाद सदर, खैर और फूलपुर सीटें जीती थीं. मीरापुर सीट पर सपा के साथ गठबंधन में लड़ी रालोद ने जीत दर्ज की थी और मझवां सीट राजग के घटक दल निषाद पार्टी की झोली में गई थी. इस सीट से विधायक विनोद बिंद के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है.

सीट शेयरिंग को लेकर घमासान तेज हुआ

यूपी में उपचुनाव को देखते हुए राजग और इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर विचार मंथन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. यह बात दीगर है कि दोनों गठबंधन के बड़े दल के रूप में भाजपा और सपा, सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं. इसके लिए दोनों दल अपने गठबंधन के सहयोगी दलों को मनाने में लगे हैं. मगर, घटक दलों ने उपचुनाव को अपने वजूद का सवाल बताते हुए फिलहाल झुकने या पीछे हटने से इंकार कर दिया है.

राजग की अगर बात की जाए तो यूपी में अपनी मजबूत स्थिति को साबित करने के लिए भाजपा वैसे तो सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन उसके घटक दल इस चाहत को पूरा नहीं होने दे रहे हैं. यही वजह है कि निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने मझवां और कटेहरी सीट पर अभी से दावेदारी पेश कर दी है. मझवां सीट पर अपना दल ने भी उम्मीदवार उतारने की मांग की है.

इसी प्रकार लोकसभा चुनाव से पहले राजग में शामिल हुए रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मीरापुर और खैर सीटों पर दावा ठोक दिया है. रालोद की दलील है कि मीरापुर सीट से उसके विधायक चंदन चाैहान के सांसद बनने के बाद इस सीट पर उप चुनाव में उसका स्वाभाविक दावा बनता है. इसके अलावा खैर मुस्लिम बहुल सीट है, ऐसे में भाजपा मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारेगी, ना ही मुस्लिम भाजपा को वोट देंगे, इसलिए इस सीट पर रालोद का उम्मीदवार मजबूती से चुनाव लड़ने में सक्षम साबित होगा.

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सपा कांग्रेस में बनी सहमति

सूत्रों की मानें तो इंडिया गठबंधन में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत लगभग अंतिम दौर में है. हालांकि, उपचुनाव वाली सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस का नैसर्गिक दावा नहीं बनता है. मगर, Lok Sabha Election 2024 में कांग्रेस को यूपी में मिली उम्मीद से ज्यादा सफलता का परिणाम है कि कांग्रेस कम से कम 4 सीटों पर उप चुनाव लड़ना चाहती थी. हालांकि उपचुनाव में भाजपा को सीधे तौर पर चुनौती देने में सक्षम होने के कारण सपा ने सभी 10 सीटें लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन आखिर में बात 7 बनाम 3 के फार्मूले पर बनती दिख रही है.

यूपी कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सपा ने गठबंधन के साथी दल के रूप में कांग्रेस को उपचुनाव में 3 सीटें देने का मन बना लिया है. जिन 3 सीटों पर सहमति बनी है उनमें गाजियाबाद सदर, मझवां और मीरापुर सीटें शामिल हैं. लोकसभा चुनाव में भी गाजियाबाद सीट पर उम्मीदवार उतारने का मौका सपा ने कांग्रेस को दिया था. इसलिए भाजपा के प्रभाव वाली गाजियाबाद सदर सीट पर उपचुनाव में भी कांग्रेस को ही उम्मीदवार उतारने की सहमति सपा नेतृत्व ने दे दी है.

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