स्मार्ट मीटर और कपास इंपोर्ट ड्यूटी के खिलाफ SKM, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

स्मार्ट मीटर और कपास इंपोर्ट ड्यूटी के खिलाफ SKM, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार की ओर से प्रस्तावित स्मार्ट मीटर योजना का विरोध किया है. दरअसल, जींद जिले के नरवाना कस्बे में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में पूरे हरियाणा से किसान कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.

स्मार्ट मीटर के खिलाफ SKMस्मार्ट मीटर के खिलाफ SKM
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 01, 2025,
  • Updated Sep 01, 2025, 12:27 PM IST

हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सरकार की ओर से प्रस्तावित स्मार्ट मीटर योजना का विरोध किया है. साथ ही कपास पर 11 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी को दोबारा लागू करने और यह आश्वासन देने की मांग की है कि राज्य परियोजनाओं के तहत उपजाऊ कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा. दरअसल, जींद जिले के नरवाना कस्बे में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में पूरे हरियाणा से किसान कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में सर्वसम्मति से स्मार्ट मीटर योजना को बिजली के निजीकरण की दिशा  बताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया गया.

SKM ने किया स्मार्ट मीटर का विरोध

एक प्रस्ताव में, किसान नेताओं ने कहा कि बिजली एक आवश्यक सेवा और जीवन रेखा है और इसे कभी भी लाभ कमाने वाला क्षेत्र नहीं बनाया गया है. इस क्षेत्र को निजी निगमों को सौंपने के लिए दरें बढ़ाई जा रही हैं. साथ ही  प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना इन्हीं गुप्त उद्देश्यों का हिस्सा है. ऐसे में एसकेएम ने स्मार्ट मीटरों का विरोध करने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है.

बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुरेश राठी ने आगाह किया कि निजीकरण के बाद बिजली की दरें किसानों, गरीब परिवारों और छोटे व्यापारियों के लिए उपयोग करने लायक नहीं रह जाएंगी.

कपास इंपोर्ट ड्यूटी के खिलाफ SKM

इसके अलावा कपास के मामले में किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने 11 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी हटाने के लिए सरकार की आलोचना की. उन्होंने बताया कि केंद्र ने अमेरिकी दबाव में इंपोर्ट ड्यूटी को हटाकर 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी को हटाना कपास उत्पादकों के लिए विनाशकारी साबित होगा. एसकेएम ने इस फैसले के खिलाफ 1, 2 और 3 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पुतले फूंकने का भी ऐलान किया है.

लैंड पूलिंग परियोजना का भी विरोध

बैठक में हरियाणा सरकार की लैंड पूलिंग परियोजना का भी विरोध किया गया, जिसके तहत किसानों से जमीन बेचने के लिए आवेदन करने को कहा जा रहा है. किसान नेताओं ने हिसार के अग्रोहा में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पांच लाख एकड़ जमीन अधिग्रहण जैसे प्रस्तावों का हवाला देते हुए इन्हें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 का उल्लंघन बताया, जो उपजाऊ कृषि भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाता है.

फसल नुकासन के मुआवजे की मांग

सुमित सिंह द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया गया. वहीं, हरियाणा सरकार से आग्रह किया गया कि वह अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण स्थानीय किसानों को हुई फसल नुकसान का मुआवजा दे. साथ ही इस बैठक में उपस्थित लोगों में मास्टर बलबीर, सुरेश कोथ, कंवरजीत, जोगेंद्र नैन, सूबेदार रणबीर, रतन मान, तेजेंदर थिंद, विकास सीसर, ईश्वर राठी, हरजिंदर, बाबा गुरदीप और जितेंद्र असंध शामिल थे.  

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