
पंजाब के संगरूर जिले के गांव भरूर में उस समय तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, जब किसानों के प्रस्तावित रेल रोको आंदोलन से पहले ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 150 किसानों को हिरासत में ले लिया. किसानों ने घोषणा की थी कि वे दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक सुनाम रेलवे स्टेशन पर दो घंटे का धरना-प्रदर्शन करके रेल रोकेंगे. लेकिन प्रशासन ने इसे कानून व्यवस्था के लिहाज़ से अनुचित बताते हुए आंदोलन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए.
घटना के बाद SP (D) दविंदर अत्तरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि किसानों का रेल रोको आंदोलन कानून के तहत सही नहीं था, क्योंकि इससे आम जनता को असुविधा होती और रेलवे सेवाओं पर सीधा असर पड़ता. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पहले ही किसानों से अपील की थी कि वे इस तरह के आंदोलन से दूर रहें और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखें.
SP अत्तरी के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि किसान बड़ी संख्या में गांव भरूर पहुंच चुके हैं, और वहां रेलवे फाटक पर बैठकर प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने की कोशिश की. पुलिस ने किसानों को यह भरोसा दिलाने की भी कोशिश की कि उनकी बात प्रशासन तक पहुंचा दी जाएगी, लेकिन वे इस तरह के प्रदर्शन से बाज आएं.
हालांकि, जब किसान अपनी योजना पर अड़े रहे और रेलवे फाटक पर धरने की तैयारी करने लगे, तो पुलिस ने सख्त कार्रवाई की. इस दौरान लगभग 150 किसानों को अलग-अलग स्थानों पर हिरासत में लिया गया. खबर लिखे जाने तक SP अत्तरी ने बताया कि अभी कुल संख्या की औपचारिक गिनती जारी है, लेकिन प्राथमिक रूप से इतने ही किसानों को सुरक्षित ले जाया गया है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस का मकसद किसी भी प्रकार का टकराव पैदा करना नहीं था, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं को सुचारू रूप से चलाना उनकी प्राथमिकता थी. SP अत्तरी ने कहा कि पुलिस पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है और किसी भी नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.
घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. किसान संगठनों की ओर से हिरासत में लिए जाने की कार्रवाई पर नाराजगी जताई जा रही है, जबकि प्रशासन इसे सुरक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी कदम बता रहा है. (कुलवीर सिंह की रिपोर्ट)