गुरुवार को केंद्र सरकार की तरफ से देश के नागरिकों को एक अच्छी खबर दी गई. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम में दो रुपए की कटौती की है. नई कीमतें शुक्रवार को सुबह 6 बजे से लागू हो जाएंगी. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया है. नई कीमतें 15 मार्च 2024, सुबह 06:00 बजे से प्रभावी होंगी. ओएमसी का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा.
पेट्रोल की कीमतों में बदलाव के बाद दिल्ली में कीमत 96.72 रुपये से घटकर 94.72 रुपये हो जाएगी. मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये से गिरकर 104.21 रुपये का बिकेगा. कोलकाता में पेट्रोल 106.3 रुपये से घटकर 103.94 रुपये और चेन्नई में 102.63 रुपये से घटकर 100.75 रुपये पर बिकेगा.
इसी तरह से दिल्ली में डीजल की कीमतें 89.62 रुपये से गिरकर 87.62 रुपये, मुंबई में 94.27 रुपये से गिरकर 92.15 रुपये, कोलकाता में 92.76 रुपये की जगह 90.76 रुपये और चेन्नई में डीजल 94.24 रुपये से गिरकर 92.34 रुपये हो जाएगी.
सोशल मीडिया साइट पर एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लिखा, 'पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये की कमी करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि करोड़ों भारतीयों के अपने परिवार का कल्याण और सुविधा हमेशा उनका लक्ष्य है.'
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पीएम मोदी ने पिछले दिनों रसोई गैस की कीमतों में 100 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की घोषणा की. कीमतों में कटौती से करीब 33 करोड़ परिवारों को फायदा होगा जो खाना पकाने के ईंधन के रूप में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस यानी (एलपीजी) का उपयोग करते हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत आने वाले 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों के लिए कीमत में कटौती 300 रुपये प्रति सिलेंडर की मौजूदा सब्सिडी के अतिरिक्त होगी. पीएम मोदी के इस ऐलान को अगले कुछ दिनों में होने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा गया.
डीजल से चलने वाले 58 लाख से ज्यादा माल वाहनों, 6 करोड़ कारों और 27 करोड़ दोपहिया वाहनों की परिचालन लागत कम हो जाएगी. पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम होने से नागरिकों को कई फायदा होगा. उनकी आय बढ़ेगी, पर्यटन और टूर इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, महंगाई पर लगाम लग सकेगी, उपभोक्ता के भरोसे और खर्च में वृद्धि होगी, परिवहन पर निर्भर व्यवसायों के लिए खर्च में कमी और साथ ही लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण और खुदरा क्षेत्र को भी फायदा होने वाला है.