स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी की ओर से रवींद्र रंजन की अध्यक्षता में पटना के आईएमए सभागार में किसान संवाद का आयोजन किया गया. किसान संवाद के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों और किसानों की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों पर विशेष चर्चा हुई. किसान संवाद के उद्घाटनकर्ता बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा की सरकार में किसानों का उत्थान हुआ है.
भाजपा की सरकार किसानों की हर जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. नरेंद्र मोदी की सरकार में समर्थन मूल्य बढ़ा, किसानों को सम्मान निधि मिल रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान देश की आर्थिक विकास की धुरी हैं.
उन्होंने अपने संबोधन दौरान कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसानों को कांग्रेस ने बदहाल कर दिया था. खासकर बिहार के किसानों और कृषि क्षेत्र को कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बर्बाद कर दिया था. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत में जितनी भी कृषि क्रांतियां हुई उससे बिहार अछूता ही रहा. आजादी के पहले भी किसानों को कांग्रेस ने अपने मुख्य मुद्दों से बाहर रखा था. आजादी के बाद भी उनका वही रवैया बरकरार रहा.
वहीं, संवाद के आयोजक और समारोह की अध्यक्षता कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वामी सहजानंद किसान वाहिनी के अध्यक्ष रवींद्र रंजन ने किसान संवाद के दौरान मांग रखते हुए कहा कि बिहटा एयरपोर्ट का नामकरण महान किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर किया जाए, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के नेतृत्व का केंद्र स्वामी सहजानंद सरस्वती के नेतृत्व में कभी बिहटा ही हुआ करता था. उन्होंने स्वामी सहजानंद सरस्वती और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को भारत रत्न देने की भी मांग की.
रवींद्र रंजन ने कहा कि राजनीति में किसानों को उचित हिस्सेदारी और सम्मान मिलना चाहिए. स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और राष्ट्रकवि दिनकर के नाम पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए. रवींद्र रंजन ने बताया कि इस संवाद का उद्देश्य किसानों के बीच जागरूकता फैलाना, उनकी समस्याओं पर विचार-विमर्श करना और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचाना है.
संवाद के दौरान आई एम ए के पूर्व अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिन्हा ने कहा कि किसानों को लेकर ही ये देश विकसित हो सकता है. किसानों को जो साथ लेकर चलेगा वही प्रदेश और देश के दिल पर राज करेगा. उन्होंने किसान नेता स्वामी सहजानंद के विचारों को पाठ्यपुस्तक में शामिल करने मांग भी सरकार से की.