क्या प्याज के भाव ्सैकड़े में जाएंगे? सैकड़े का अर्थ है क्या प्याज का दाम 100 रुपये को छुएगा. ऐसी आशंका जताई जा रही है क्योंकि बाजार के लक्षण कुछ इसी तरह के इशारे कर रहे हैं. नवरात्रि के दौरान प्याज की कीमतें कुछ कम चल रही थीं, लेकिन नवरात्रि बीतने के साथ ही प्याज का भाव हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा है. अब तो प्याज के दुकानदार भी बोल रहे हैं कि जिसने अभी कुछ प्याज लेकर रख लिया, वह फायदे में रहेगा क्योंकि आगे इसका भाव किस करवट बैठेगा, कोई नहीं जानता. नवरात्रि में प्याज कुछ सस्ता चल रहा था क्योंकि पूजा के दौरान लोग इसे खाने से निषेध करते हैं. लेकिन नवरात्रि बीतते ही लोग इसकी खरीदारी पर टूट पड़े हैं, लिहाजा दाम तेजी से ऊपर जा रहा है.
प्याज के दाम बढ़ने के पीछे दो मुख्य वजह बताई जा रही है. एक तो पीछे से ही प्याज की आवक कम है जबकि बाजार में मांग में बड़ी तेजी है. आवक इसलिए कम है क्योंकि हाल के दिनों में नासिक और नागपुर में प्याज के व्यापारियों ने हड़ताल कर दी थी. प्याज की नीलामी कुछ दिनों तक नहीं रुकी. व्यापारियों ने प्याज पर लगी ड्यूटी का विरोध किया था. नीलामी रुकने से पूरे देश में प्याज का सप्लाई चेन प्रभावित हुआ और दाम देखते-देखते ऊपर चले गए. अब हड़ताल नहीं है, लेकिन सप्लाई की दिक्कत कुछ जरूर बनी हुई है.
दूसरी बड़ी वजह मौसम की मार से प्याज की आवक में कमी है. देश की बड़ी मंडियों का हाल देखें तो वहां प्याज की आवक कम है. इसके दो कारण बताए जा रहे हैं. पहला, इस बार बेमौसम बारिश से प्याज की फसल बड़ी मात्रा में बर्बाद हुई. बारिश का पानी प्याज की उपज में घुस गया जिससे किसान उसे अधिक दिनों तक स्टोर नहीं रख सके. पानी से प्रभावित प्याज मार्केट में आया भी तो या तो जल्द बिक गया, या फिर खराब हो गया. इससे दो-तीन महीने पहले प्याज की बड़ी खेप मार्केट से निकल गई. अब जो बचा-खुचा प्याज है, वह महंगे रेट पर निकल रहा है.
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भाव में बढ़ोतरी की एक वजह इस बार प्याज की कम बुवाई भी है. पिछले सीजन में किसानों को प्याज का अच्छा भाव नहीं मिला, इसलिए मायूसी में किसानों ने इस बार इसकी खेती कम की. किसानों को क्या पता कि इस बार रेट ऐसे बढ़ेंगे. कम बुवाई की आशंका से भी रेट में वृद्धि देखी जा रही है. अब ऐसे में लोग सवाल यही पूछ रहे हैं कि क्या इस बार प्याज सैकड़े को छुएगा, हालत तो कुछ ऐसी ही नजर आ रही है. अभी बहुत दिन नहीं जब टमाटर के भाव ने 200 का आंकड़ा पार किया था. इस हिसाब से अब लोगों की नजर प्याज पर टिक गई है. वह भी तब जब आने वाले दिनों में त्योहारों का जश्न मनेगा.
दिल्ली में प्याज की ऊंची कीमतों पर, गाज़ीपुर सब्जी मंडी के एक प्याज व्यापारी ने ANI से कहा, "प्याज की आमद कम है, जिसके कारण कीमतें ऊंची हैं. शुक्रवार को दरें 350 रुपये (प्रति 5 किलोग्राम) रहीं. गुरुवार को यह 300 रुपये थी." उससे पहले यह 200 रुपये थी. एक हफ्ते पहले दरें 200 रुपये, 160 रुपये या 250 रुपये आदि थीं. पिछले हफ्ते दरें बढ़ गई हैं. आपूर्ति में कमी के कारण दरें बढ़ी हैं... "
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गाज़ीपुर मंडी में एक सब्जी विक्रेता ने कहा, "हम यहां प्याज खरीदने आए हैं. नवरात्रि से पहले प्याज की दरें 50 रुपये थीं, अब यह 70 रुपये प्रति किलोग्राम है. हमारी खरीद 70 रुपये प्रति किलोग्राम है और हम इसे 80 रुपये प्रति किलो पर बेचेंगे. पहले यह दाम 30-40 रुपये प्रति किलो था.