जरा सी चूक और बेकार हो जाएगी आपकी नैनो यूरिया, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें सही इस्तेमाल

जरा सी चूक और बेकार हो जाएगी आपकी नैनो यूरिया, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें सही इस्तेमाल

इफको नैनो यूरिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लॉन्च होने के बाद यूरिया की परिवहन लागत और भंडारण लागतार दोनों में ही कमी आई आई है.क्योंकि आधा लीटर का नैनो यूरिया का बोतल 50 किलोग्राम की बोरी यूरिया के बराबर काम करता है.

इफको ने 31 मई 2021 को नैनो यूर‍िया लॉन्च क‍िया था.इफको ने 31 मई 2021 को नैनो यूर‍िया लॉन्च क‍िया था.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 01, 2024,
  • Updated Feb 01, 2024, 11:14 AM IST

देश के किसानों की आय को बढ़ाने के और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है. साथ ही किसानों तक उन्हें पहुंचाया जा रहा है. इफको द्वारा विकसित की गई नैनो यूरिया और डीएपी भी ऐसी की उर्रवक है जो कृषि उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने में मदद कर कर सकती है. पर इनके इस्तेमाल से पहले इनके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में जान लेना चाहिए.क्योंकि अगर इस्तेमाल करने के तरीकों में जरा सी चूक होगी तो फायदे की जगह पर नुकसान का सामना किसानों को कर पड़ सकता है. इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि नैनो यूरिया या डीएपी के इस्तेमाल से पहले एक्सपर्ट की राय जरुर लें. 

इफको ने नैनो तकनीक का इस्तेमाल करके नैनो यूरिया और नैनौ डीएपी का निर्माण किया है. जिसे भारतीय किसानों के लिए इफको ने सबसे पहले लॉन्च किया. इफको नैनो यूरिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लॉन्च होने के बाद यूरिया की परिवहन लागत और भंडारण लागतार दोनों में ही कमी आई आई है.क्योंकि आधा लीटर का नैनो यूरिया का बोतल 50 किलोग्राम की बोरी यूरिया के बराबर काम करता है. इसलिए अब किसानों को भारी बोरी उठाकर खेत में नहीं जाना पड़ेगा. तो किसानों की परेशानी कम हो जाएगी. 

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बीज में मिलाकर करें इस्तेमाल

नैनो यूरिया का इस्तेमाल कैसे करें इसे लेकर इफको बाजार ने सोशल मीडिया पर एक्स पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में एक एक्सपर्ट ने ने बताया कि किसी भी बीज की बुवाई से पहले लगभग 50 किलो बीज को एक कंटेनर में रख लें. इसके बाद उसमें 250 मिली इफको नैनो डीएपी मिला दें. फिर इसे थोड़ी देर छोड़ दें ताकी बीज डीएपी को सोख लें. उसके बाद उन बीजों को खेत में बुवाई कर दें. उन्होंने कहा कि किसान इस बात का ध्यान दें की प्रत्येक एक किलोग्राम बीज पर पांच एमएल इफको डीएपी का इस्तेमाल करना है. उदाहरण के लिए पांच किलो बीज में 25 एमएल इफको नैनौ डीएपी डालें. खास बात यह है कि नैनो डीएपी का जो ढक्कन होता है वो 25 एमएल का होता है. नैनो डीएपी को बीज में मिलाने के लिए पानी की भी आवश्यकता पड़ सकती है.मिश्रण हाथ से हिलाकर ऐसे मिलाएं की हर बीज तक डीएपी पहुंच जाए. 

नैनो डीएपी का ऐसे करें छिड़काव

इसके बाद बीज की बुवाई कर दें. बीज की बुवाई के 20-25 दिनों के बाद जब पौधें थोड़े बड़े हो जाएं तब जो बाकि बचा हुआ 250 एमएल नैनो डीएपी है उसे 100-125 लीटर पानी में मिलाएं और उन्हें 16 लीटर क्षमता वाली आठ टंकियों में बराबर बराबर बांट दे. उसके बाद उसे एक एकड़ खेत में छिड़काव करें. 250 एमएल इफको नैनौ डीएपी एक एकड़ खेत के लिए पर्यापत माना जाता है. इफको नैनौ डीएपी के इस्तेमाले के बारे में जानने के बाद अब जानते हैं कि इफको नैनौ यूरिया का इस्तेमाल कैसे किया जाता है. इसका इस्तेमाल नैनौ डीएपी के छिड़काव के 20-25 दिन बाद किया जाता है. 

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इस तरह करें नैनो यूरिया का छिड़काव

इफको नैनौ यूरिया का छिड़काव करने के लिए 500 एमएल नैनौ यूरिया को 100-125 लीटर पानी में मिला लें.इसके बाद उसे 16 लीटर क्षमता वाली आठ टंकियों में बराबर भर लें. उसके बाद उसे एक एकड़ खेत में छिड़काव करें. एक एकड़ खेत क लिए 500 एमएल इफको नैनौ यूरिया पर्पाप्त मानी जाती है. इफको नैनौ यूरिया तरल पदार्थ होता है. यह पौधों के पत्तियों के जरिए उनके जड़ों तक जाता है. इससे मिट्टी, पानी और हवा का प्रदूषण नहीं होता है. यह उर्वरक काफी प्रभावी और किफायती होता है.  
 

 

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