महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित तहसीलों में नहीं होगी कृषि ऋण वसूली, इतने महीनों का बिजली बिल भी माफ

महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित तहसीलों में नहीं होगी कृषि ऋण वसूली, इतने महीनों का बिजली बिल भी माफ

महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया है जिसमें ये कहा गया कि राज्य की जिन तहसीलों में बाढ़ और बारिश से किसान प्रभावित हुए हैं वहां एक साल तक कोई कृषि ऋण वसूली नहीं होगी. इसके साथ ही इसमें कहा गया कि इन तहसीलों में किसानो से तीन महीने का बिजली बिल भी नहीं लिया जाएगा.

cm devendra fadnavis announces a package of rs 32 thousand crores for damage caused by heavy rains in marathwadacm devendra fadnavis announces a package of rs 32 thousand crores for damage caused by heavy rains in marathwada
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Oct 11, 2025,
  • Updated Oct 11, 2025, 10:57 AM IST

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के 34 जिलों में बारिश के कारण नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए राहत की घोषणा की है. इसके तहत सहकारी समितियों से लिए गए ऋणों को युक्तिसंगत बनाने और एक साल के लिए वसूली स्थगित करने जैसे कदम उठाए गए हैं. शुक्रवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य की 347 तहसीलों में फसलों, कृषि भूमि और घरों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, बहुत सी मौतें हुई हैं, मवेशियों और अन्य पशुओं की भी हानि हुई है.

बिजली बिल और छात्रों की परीक्षा फीस भी माफ

इस सरकारी प्रस्ताव में सहकारी समितियों से लिए जाने वाले कर्जों को युक्तिसंगत बनाने, एक साल के लिए कृषि ऋण वसूली स्थगित करने और प्रभावित तहसीलों में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा की गई. इसमें कहा गया है कि तीन महीने के बिजली बिल भी माफ किए जाएंगे. जीआर के अनुसार, राज्य कृषि विभाग के आकलन से पता चला है कि जून से सितंबर तक हुई बारिश के कारण 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें नष्ट हो गईं.

31,628 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा

बता दें कि सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ ने मराठवाड़ा और आसपास के इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया. इस सप्ताह की शुरुआत में, राज्य सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की. इसमें फसल क्षति, जान-माल, मृदा अपरदन, किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता, सूखे जैसी परिस्थितियों में दी जाने वाली रियायतें, अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, अनुग्रह राशि, घरों, दुकानों और पशुशालाओं को हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा शामिल था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए व्यापक राहत पैकेज की घोषणा की है. उन्होनें कहा कि दिवाली से पहले किसानों को पूरी सहायता राशि मिल जाएगी. 

विपक्ष ने राहत पैकेज बताया मजाक

जहां एक ओर महायुति सरकार इसे राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा पैकेज बता रही है. वहीं विपक्षी दलों ने इस राहत पैकेज को "खोखला" और "बहुत कम" बताया. विपक्ष का कहना है कि इससे किसानों को अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद नहीं मिलेगी. शिवसेना (यूबीटी) विधायक कैलास पाटिल (धाराशिव ज़िला) ने सरकार पर सिर्फ आंकड़ों से खेलने का आरोप लगाया और दावा किया कि नुकसान के हिसाब से यह सहायता पैकेज नाकाफी है. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि किसानों की आत्महत्या की उच्च दर (इस वर्ष अकेले मराठवाड़ा में 781) को देखते हुए यह सहायता एक "मज़ाक" है. (सोर्स- PTI)

ये भी पढ़ें-


 

MORE NEWS

Read more!