Maharashtra के किसान को 6 रुपये मुआवजे पर कृषि विभाग की सफाई, अलग ही निकला पूरा मामला

Maharashtra के किसान को 6 रुपये मुआवजे पर कृषि विभाग की सफाई, अलग ही निकला पूरा मामला

महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले में किसान दिगंबर तांगड़े के खाते में मात्र 6 रुपये आने से हड़कंप मच गया. किसान ने इसे फसल मुआवजे की राशि बताया, लेकिन कृषि विभाग ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है. जानिए विभाग ने क्‍या कहा...

6 rs Crop Compensation Claim Controversy6 rs Crop Compensation Claim Controversy
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 07, 2025,
  • Updated Nov 07, 2025, 6:15 AM IST

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के एक किसान के खाते में मात्र 6 रुपये आने की खबर ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी. किसान ने दावा किया था कि यह रकम फसल नुकसान के मुआवजे के तौर पर आई है और सरकार ने किसानों के साथ मजाक किया है. अब कृषि विभाग ने इस मामले पर सफाई दी है. जिला कृषि अधीक्षक अधिकारी पी.आर. देशमुख ने गुरुवार को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि किसान के खाते में आई 6 रुपये की राशि न तो सरकार की ओर से मुआवजा थी और न ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत दी गई कोई रकम. यह राशि किसान के बैंक खाते में ‘ब्याज’ के रूप में अपने आप जमा हुई थी.

पैठण तहसील का है मामला

यह मामला पैठण तालुका के दौवरवाड़ी गांव के किसान दिगंबर सुधाकर तांगड़े से जुड़ा है. बुधवार को उन्होंने बताया था कि उन्हें बैंक से संदेश मिला कि उनके खाते में मात्र 6 रुपये जमा हुए हैं. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा था, “सरकार को शर्म आनी चाहिए, इतने में तो एक कप चाय भी नहीं आती.”

किसान को मुआवजे का इंतजार

किसान ने आरोप लगाया था कि किसानों को दो महीने से मुआवजे का इंतजार है, लेकिन सरकार इतनी मामूली रकम भेजकर किसानों के साथ मजाक कर रही है. उन्होंने यह बयान उस समय दिया जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पैठण के नांदर गांव में प्रभावित किसानों से मुलाकात की थी.

उद्धव ठाकरे का राज्‍य सरकार पर हमला

इधर, उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार पर एक बार फिर जोरदार हमला बोला और कहा कि राज्य के किसानों को अब तक सरकार की ओर से कोई वित्तीय मदद नहीं मिली है, जबकि सरकार दावा कर रही है कि उसने अब तक का “सबसे बड़ा राहत पैकेज” घोषित किया है. ठाकरे अपने चार दिवसीय मराठवाड़ा दौरे के दूसरे दिन धाराशिव जिले के करजखेड़ा गांव में किसानों से बातचीत कर रहे थे. 

राहत पैकेज पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि 31,628 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा के बावजूद किसानों को एक पैसा नहीं मिला है. उन्होंने तंज कसा, “पहले सत्ताधारी दल महिलाओं से ‘लाडकी बहिन’ योजना के लाभ के बारे में पूछते थे, अब किसानों से क्यों नहीं पूछते कि उन्हें क्या मिला? इसलिए क्योंकि सरकार ने केवल घोषणा की, राहत नहीं दी.”

उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस का एक पुराना ऑडियो क्लिप भी चलाया, जिसमें फडणवीस कहते सुने गए कि अगर ‘महायुति’ सत्ता में आती है तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. ठाकरे ने कहा, “कर्ज माफी और प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मुआवजे की मांग करना ताना नहीं, किसानों का हक है.”

उन्‍होंने कहा, “मुख्यमंत्री किसानों की परेशानी छोड़ बिहार दौरे पर हैं, जो लोग दिल्ली जाकर सत्ता के लिए झुकते हैं, वे हमें सवाल पूछ रहे हैं.” ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने घर से काम करते हुए भी कर्ज माफी और शिव भोज थाली जैसी योजनाएं लागू कीं, लेकिन अब किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा स्पष्ट दिख रहा है. (पीटीआई)

MORE NEWS

Read more!