Lok Sabha Election Exit Poll 2024 Result: 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम से पहले जारी एग्जिट पोल में पंजाब में बीजेपी को नुकसान होता हुआ दिखाई दे रहा है. यहां पर किसानों का वोट पाने में आम आदमी पार्टी कामयाब होती दिखाई दे रही है. पोल के नतीजों के अनुसार आप को पंजाब में किसानों का सबसे अधिक वोट शेयर मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल 2024 में कहा गया है कि विरोध के बावजूद बीजेपी को 6 प्रतिशत किसान वोट मिल सकते हैं. जबकि शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस पंजाब में किसानों का भरोसा खो रहे हैं. वहीं हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी को झटका, जहां किसान INDI गठबंधन और INLD पर भरोसा कर सकते हैं.
गौरतलब है कि चुनाव विशेषज्ञों ने ठीक ही कहा था कि पंजाब में 13 सीटों पर बहुकोणीय मुकाबले के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम आश्चर्यजनक होंगे. चुनावी विशेषज्ञों के इन आंकलनों के ठीक बाद, 2024 के लिए इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल ने संकेत दिया है कि किसान आंदोलन को बढ़ावा देने और भाजपा के खिलाफ हवा बनाने के बावजूद, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली किसानों का विश्वास जीतने में असफल साबित हुए.एग्जिट पोल के अनुसार पंजाब में कांग्रेस को 6 प्रतिशत और अकाली दल को तीन प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों में हो सकता है.
राज्य में सबसे अधिक किसानों का वोट शेयर 16 प्रतिशत सत्तारूढ़ आम आदमी के पक्ष में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. पर इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि जिस भारतीय जनता पार्टी को पंजाब में सबसे अधिक किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा, पार्टी के उम्मीदवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में जाने तक की इजाजत नहीं दी गई, वहां भी उन्हें किसानों का 6 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है. एग्जिट पोल के अनुसार वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 14 प्रतिशत, कांग्रेस को 31 प्रतिशत, अकाली दल को 27 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी को 24 प्रतिशत ग्रामीण वोट शेयर मिला है. इस वोट शेयर से किसी को आश्चर्य हो सकता है कि एमएसपी और अन्य मांगों के मुद्दे पर किसान यूनियनों के कड़े विरोध का सामना करने के बावजूद भाजपा को किसान वोट शेयर कैसे मिल सकता है.
इसका जवाब बीजेपी की चुनावी रणनीति में छिपा है. ग्रामीण या किसान वोट शेयर का अधिकांश हिस्सा भूमिहीन, मजहबी सिख किसानों और खेत मजदूरों का है. जिनका उपयोग भाजपा नेताओं के अनुसार जाट नेताओं के नेतृत्व में किसान यूनियनों द्वारा विरोध स्थलों पर संख्या बढ़ाने के लिए किया जा रहा था. पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता इन किसानों को यह समझाने में सफल रहे कि किसान विरोध प्रदर्शन के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा है. एमएसपी की मांग से केवल भूस्वामियों को लाभ होगा और पंजाब में अधिकांश भूमिहीन किसानों के पास कृषि भूमि नहीं है. उनमें से केवल 3 प्रतिशत के पास ही ज़मीन थी. वास्तव में गांव की आम ज़मीन के अधिकार सहित उनके अधिकारों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया.
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एग्जिट पोल के अनुमान से संकेत मिलता है कि इस बार 6 प्रतिशत गरीब, दलित भूमिहीन किसान और खेतिहर मजदूर बीजेपी के पक्ष में वोट कर सकते हैं. सत्तारूढ़ AAP जिसे पहले से ही 2022 के विधानसभा चुनावों में ग्रामीण मतदाताओं का विश्वास प्राप्त है, उसे लोकसभा चुनावों में 16 प्रतिशत अतिरिक्त किसान वोट मिलेंगे.आश्चर्यजनक रूप से पड़ोसी राज्य हरियाणा में भाजपा को किसान वोट शेयर में 3 प्रतिशत का और उसकी पूर्व सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को किसान वोट शेयर में आठ प्रतिशत का नुकसान हो सकता है.
2024 के लिए एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि हरियाणा में INDI गठबंधन एक प्रमुख लाभार्थी होगा और उसे 9 प्रतिशत अतिरिक्त वोट मिलने की उम्मीद है. इंडियन नेशनल लोकदल को भी 2 प्रतिशत अतिरिक्त ग्रामीण वोट मिलने की उम्मीद है. यहां पर बीजेपी को 41 प्रतिशत, आईएनडीआई गठबंधन को 48 प्रतिशत, जेजेपी को 2 प्रतिशत और आईएनएलडी को 4 प्रतिशत किसानों का वोट शेयर मिलेगा. हरियाणा में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उसने इस साल फरवरी में अपनी मांगों को लेकर नई दिल्ली जा रहे किसानों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं दी.
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चार महीने लंबे विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान, जिनमें से लगभग दो दर्जन की मृत्यु हो गई, अभी भी शंभू सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जेजेपी, जिसे पहले लगभग 10% ग्रामीण वोट मिलते थे, अब 8% ग्रामीण वोट शेयर खोने को तैयार है. जेजेपी के नुकसान से कांग्रेस और इनेलो को फायदा होगा.हरियाणा में 2019 में सभी 10 सीटें जीतने वाली भाजपा को इस बार INDI गठबंधन से दो से चार सीटों के बीच नुकसान होने की उम्मीद है.हरियाणा में बीजेपी सभी 10 सीटें बरकरार न रख पाने का मुख्य कारण 10 साल की सत्ता विरोधी लहर, बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी दर के अलावा किसान आंदोलन भी है.