Ban On Cotton Candy: कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन पर बैन! कर्नाटक सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

Ban On Cotton Candy: कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन पर बैन! कर्नाटक सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

कॉटन कैंडी को रंग देने के लिए रोडामाइन बी कलरिंग एजेंट डाला जाता है. कर्नाटक सरकार ने इस एजेंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए आम लोगों के स्वास्थ्य का हवाला दिया है. अगर कोई इस कलरिंग एजेंट का प्रयोग करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

कॉटन कैंडी पर प्रतिबंधकॉटन कैंडी पर प्रतिबंध
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 11, 2024,
  • Updated Mar 11, 2024, 2:46 PM IST

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया. यह फैसला बुढ़िया के बाल मिठाई (कॉटन कैंडी) और गोभी मंचूरियन में डाले जाने वाले कलरिंग एजेंट को लेकर है. इसी कलरिंग एजेंट की वजह से कॉटन कैंडी का रंग गुलाबी (लाइट पिंक) होता है. गोभी मंचूरियन में डाले जाने वाले बनालटी केमिकल के प्रयोग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. एक ताजा फैसले में कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने कॉटन कैंडी और गोबी मंचूरियन में रोडामाइन-बी फूड कलरिंग एजेंट पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है. 

न्यूज एजेंसी ANI ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के हवाले से लिखा, "अगर कोई रोडामाइन-बी फूड कलरिंग एजेंट का उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी." 

क्या कहा कर्नाटक सरकार ने?

इससे पहले कुछ और राज्यों में इस कलरिंग एजेंट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके पीछे असली वजह इस केमिकल के कैंसरस होने का बताया जा रहा है. जिन राज्य सरकारों ने इस कलरिंग एजेंट पर रोक लगाई है, उनका दावा है कि इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है.

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कलरिंग एजेंट पर रोक के बाद अब बेंगलुरु में चर्चा तेज हो गई है कि कॉटन कैंडी और गोभी मंचूरियन का क्या होगा. ये दोनों आइटम अपने रंग की वजह से ही बिकते हैं. जब रंग पर ही प्रतिबंध लग गया तो इन फूड आइटम्स का भविष्य क्या होगा. कर्नाटक सरकार के खाद्य विभाग ने कुछ दिन पहले इन आइटम्स के सैंपल लिए थे और जांच के लिए भेजा था. ऐसा माना गया था कि ऐसे खाद्य सामानों में ऐसे बनावटी केमिकल का प्रयोग होता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव कहते हैं, "कई खाद्य उत्पादों में रसायनों का उपयोग किया जा रहा है जो प्रतिबंधित हैं. हमने पूरे कर्नाटक में एक सर्वेक्षण किया है और पाया है कि इन रसायनों (रोडामाइन-बी फूड कलरिंग एजेंट) का अभी भी उपयोग किया जा रहा है इसलिए हम एक और आदेश जारी कर रहे हैं. ध्यान दें कि जो भी प्रतिबंधित है उसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए और यदि उपयोग किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी..."

आखिर क्यों लगा प्रतिबंध?

कर्नाटक के सैंपल की जांच में कॉटन कैंडी में रोडामाइन बी और सनसेट येलो केमिकल पाया गया था. इसके साथ ही गोभी मंचूरियन में भी बनावटी केमिकल पाए गए. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है. इसी तरह के प्रतिबंध की मांग कबाब को लेकर भी हो रही है. कबाब बनाने में भी बनावटी केमिकल डाले जाने की शिकायत आई है. इसी तरह पुलाव, ग्रीन पीज मसाला, मसाला पूरी और पानी पूरी में भी इस तरह के कलरिंग एजेंट डाले जाते हैं.

इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने कॉटन कैंडी की बिक्री पर रोक लगा दी थी. यहां के फूड सेफ्टी अधिकारियों ने पाया था कि कैंडी में रोडामाइन बी कलरिंग एजेंट का उपयोग हो रहा है. वास्तव में इस एजेंट का प्रयोग कपड़ा उद्योग में रंगने के लिए होता है.

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तमिनलाडु से पहले पुडुचेरी ने भी कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि वहां भी इसी तरह का कलरिंग एजेंट पाया गया था. तमिलनाडु और पुडुचुरी में सरकार की ओर से सख्त निर्देश दिया गया है कि ऐसे फू़ड आइटम्स पर निगाह रखी जाए जिनमें कलरिंग एजेंट का प्रयोग होता है. 

गोभी मंचूरियन पर बैन

इसी तरह उत्तरी गोवा के मापुसा में गोभी मंचूरियन पर बैन लगा है. इसके सैंपल के जांच में पाया गया कि इसे रंगीन बनाने के लिए खतरनाक रंगों का प्रयोग हो रहा है. यहां तक कि घटिया सॉस भी डाले जा रहे हैं. यहां तक कहा गया कि मंचूरियन में रीठा पाउडर का इस्तेमाल हो रहा है. इन सभी आरोपों के बाद मापुसा के म्यूनिसिपल काउंसिल ने गोभी मंचूरियन की बिक्री पर बैन लगा दिया.

 

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