भावांतर योजना में सामने आई बड़ी धांधली, फर्जी जानकारी देकर किसानों ने उठा लिया बाजरे का पैसा

भावांतर योजना में सामने आई बड़ी धांधली, फर्जी जानकारी देकर किसानों ने उठा लिया बाजरे का पैसा

प्रदेश के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कई अनियमितताओं का पता चलने के बाद बाजरा उगाने वाले किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना (BBY) को लागू करने में ढिलाई बरतने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. कुछ जिलों में लाभार्थियों को पैसा जारी कर दिया गया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.

भावान्तर भरपाई योजना (सांकेतिक तस्वीर)भावान्तर भरपाई योजना (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 21, 2024,
  • Updated Mar 21, 2024, 8:13 AM IST

हरियाणा के भावांतर योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. इस योजना का दुरुपयोग कर कुछ जिले के किसानों ने पैसा उठा लिया है. इन किसानों ने खुद को बाजरा किसान और बाजरे की खेती में शामिल बताया है जबकि ऐसा नहीं हुआ है. मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर गलत जानकारी देकर अपात्र किसानों ने भावांतर भरपाई योजना का पैसा उठा लिया है. अब इन किसानों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इन किसानों पर मुकदमा होगा और धरपकड़ भी हो सकती है.

प्रदेश के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कई अनियमितताओं का पता चलने के बाद बाजरा उगाने वाले किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना (BBY) को लागू करने में ढिलाई बरतने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. कुछ जिलों में लाभार्थियों को पैसा जारी कर दिया गया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.

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सही तरीके से नहीं हुई निगरानी

'दि ट्रिब्यून' को कृषि विभाग के सूत्रों से पता चला कि जेपी दलाल ने जनवरी में हुई एक बैठक में बीबीवाई के तहत पैसों के दुरुपयोग को गंभीरता से लिया था. मंत्री ने कहा कि कुछ अधिकारियों ने लाभार्थियों के चयन के लिए वेरिफिकेशन प्रोसेस की सही निगरानी नहीं की है.

“मेरी फसल मेरा ब्योरा (MFMB) पोर्टल पर उपलब्ध डिटेल के अनुसार अपात्र व्यक्तियों का डेटा वेरिफाई किया गया है. एमएफएमबी पर बाजरे की फसल के तहत रजिस्टर्ड क्षेत्र कुछ गांवों में कुल कृषि क्षेत्र से अधिक पाए गए,” उन्होंने एक नोट में यह बात कही है.

मंत्री ने पूछे ढिलाई के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम

मंत्री ने उन अपात्र किसानों की डिटेल भी मांगी, जिन्हें पिछले वर्षों में बीबीवाई के तहत राशि दी गई थी और उन अधिकारियों के नाम भी पूछे गए जो ढिलाई के लिए जिम्मेदार थे. उन्होंने कहा, "मुझे अधिकारियों का विवरण दें और यदि ढिलाई के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसका कारण भी बताएं."

मंत्री ने 12 जनवरी को भिवानी में बीबीवाई के तहत किसानों को मिलने वाले पैसे को रोकने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि कुछ कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के मालिक और टेक्निकल लोग धोखाधड़ी में शामिल थे.

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2,300 अयोग्य किसानों के बारे में मिली जानकारी

सूत्रों से पता चला कि सरकार ने कुछ जिलों में किसानों को बीबीवाई के तहत पैसा जल्दबाजी में जारी कर दिया था. बीबीवाई के तहत फर्जी तरीके से लाखों रुपये का लाभ लेने के आरोप में भिवानी में अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में 10 एफआईआर दर्ज की गई थीं. भिवानी जिले में हुए घोटाले की जांच चल रही है.

हिसार में भी जिला प्रशासन ने 2,300 अयोग्य किसानों का पता लगाया था, जिन्होंने बीबीवाई के तहत लाभ लेने के लिए हजारों एकड़ जमीन पर एमएफएमबी पोर्टल पर खुद को बाजरा उगाने वाले किसानों के रूप में रजिस्ट्रेशन किया था. लेकिन हिसार प्रशासन ने उन किसानों को मिलने वाले लाभ को रोक दिया था.


 

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