भारतीय रेल ने तेजस एक्सप्रेस की लेट-लतीफी पर यात्री को मिलने वाले रिफंड को लेकर नियमों में बदलाव किया है. इसके अलावा रेलवे ने हादसे में मृतक के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि भी बढ़ा दी है. ये बदलाव सर्दी के दिनों में कोहरे के चलते ट्रेनों का लेट होने की वजह से की गई है. लगातार कोहरे होने से कई ट्रेनें घंटो तक लेट चलती है. लेकिन रेलवे अभी तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकाल पाया है. बता दें कि इन ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को पैसे दिए जाते थे. लेकिन रेलवे की ओर से अब इस सुविधा को बंद किया जा रहा है.
लखनऊ-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के लेट होने पर अब यात्रियों को रिफंड नहीं मिलेगा. रेलवे ने इस सुविधा को खत्म कर दिया है. पहले ट्रेन के एक घंटे लेट होने पर 100 रुपये प्रति यात्री और 2 घंटे से अधिक लेट होने पर 250 रुपये रिफंड मिलता था. वहीं, रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस नियम की वजह से अब तक लगभग 3 करोड़ रुपये का रिफंड दिया जा चुका है. लेकिन अब रेलवे ने इस सुविधा को बंद कर दिया है. इसके बजाय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू की है.
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इस इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत, यात्रियों को बीमा राशि में वृद्धि की जाएगी. यदि यात्री की मृत्यु हो जाती है, तो उन्हें 10 लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी. आईसीआरटीसी के सीआरएम अजीत सिन्हा के मुताबिक, लेट का पॉइंट हटाकर अब बीमा राशि बढ़ा दी गई है. बता दें कि आईआरसीटीसी की ओर से चलाई जाने वाली तेजस एक्सप्रेस ऐसी ट्रेन है, जिसमें यात्रियों को हवाई जहाज की तरह सुविधाएं दी जाती हैं. इस ट्रेन को देश की सर्वाधिक सुविधा युक्त ट्रेनों में शुमार किया जाता है.
यही नहीं प्रीमियम क्लास की इस ट्रेन को अपने निर्धारित समय से छूटने और समय से गंतव्य तक पहुंचने के लिए जाना जाता है. इसी को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी की व्यवस्था थी कि अगर यह ट्रेन किसी भी कारण से अपने गंतव्य तक देरी से पहुंचती है, तो निर्धारित धनराशि यात्रियों को रिफंड की जाती है. लेकिन सर्दियों और कोहरे के बीच कई बार तेजस एक्सप्रेस भी लेट होती रही और यात्रियों को मोटी रकम अदा की जाती रही है.