ICAR ने तैयार की आम की नई वैरायटी, यूपी-बिहार के किसानों के लिए है बेहद खास

ICAR ने तैयार की आम की नई वैरायटी, यूपी-बिहार के किसानों के लिए है बेहद खास

आईसीएआर (ICAR) ने अरुणिका आम को आम्रपाली और वनराज दो अलग-अलग किस्मों के आम को क्रॉस करके तैयार किया है. इससे इस आम में दोनों आमों की खासियत देखने के लिए मिलेगी. यह आम बौना किस्म का आम है. इसके साथ ही आम की यह किस्म लगातार फल देने वाली है.

आईसीएआर ने विकसित की आम की नई किस्म (सांकेतिक तस्वीर)आईसीएआर ने विकसित की आम की नई किस्म (सांकेतिक तस्वीर)
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  • Noida,
  • Jul 05, 2024,
  • Updated Jul 05, 2024, 7:05 PM IST

आम कई लोगों का मनपसंद फल है. जिस तरह से इसकी मांग देखी जाती है, उसे देखते हुए आम का उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार इस पर शोध होते रहते हैं. इसी के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने आम की एक नई वैरायटी अरुणिका तैयार की है. आम की यह खास किस्म उत्तर भारत और मध्य भारत के राज्यों के जलवायु के आधार पर बनाई गई है. कई राज्यों में इसका उत्पादन किया जा सकेगा. इस आम की खेती से किसानों को काफी फायदा होगा, क्योंकि इस आम में कई बेहतरीन क्वालिटी है. अपने गुणों के कारण यह आम स्वाद से मामले में लोगों की पहली पसंद बन सकता है और इसकी बाजार में मांग भी अच्छी रहने वाली है. 

आईसीएआर ने इस आम को आम्रपाली और वनराज दो अलग-अलग किस्मों के आम को क्रॉस करके तैयार किया है. इससे इस आम में दोनों की आमों की खासियत देखने के लिए मिलेगी. यह आम बौना किस्म का आम है. इसके साथ ही आम की यह किस्म लगातार फल देने वाली किस्म है. यह आम की देर से पकने वाली किस्म है. इस किस्म की एक और खासियत यह है कि इसका रंग काफी खूबसूरत होता है और इसकी सेल्फ लाइफ काफी लंबा होता है. सेल्फ लाइफ अच्छा होने और रंग अच्छा होने का फायदा यह होगा की आम को एक्सपोर्ट करने के लिए समय मिल जाएगा और अधिक दूरी तक इसे भेजा जा सकेगा. साथ ही खूबसूरत रंग होने से बाजार में इसके दाम भी अच्छे मिलेंगे. 

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200 ग्राम है औसत वजन

आम की इस नई वैरायटी के फल काफी नरम होते हैं और एक आम का औसत वजन लगभग 200 ग्राम होता है. आम में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा है. इसलिए इस आम के सेवन के भी फायदे हैं. इस आम का टीएसएस 24.6 ब्रिक्स होता है. इसके साथ ही यह मैग्नीफेरिन से भरपूर होता है और इसमें बी केरौटीन होता है. यह एन्थ्राकोनोज रोग के प्रति हल्का सहिष्णु (इस बीमारी को लेकर प्रतिरोधी) होता है. इस आम की खासियत यह है कि यह देश और विदेश के आम बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत बनाने की क्षमता रखता है. इससे इस आम की खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा. 

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इन राज्यों के लिए है उपयुक्त

आम की यह नई वैरायटी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और ओडिशा में उगाने के लिए उपयुक्त है. बता दें कि भारत में बड़े पैमाने पर आम की खेती की जाती है. यहां का मौसम अलग-अलग किस्मों की आम की खेती के लिए उपयुक्त है. इसलिए देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग किस्म के आमों की खेती की जाती है. देश में कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने विदेशी किस्मों के आम को भी उगाने में सफलता हासिल की है. भारत में आमों का बड़ा बाजार है और यहां से बड़ी मात्रा में आम का एक्सपोर्ट किया जाता है. नई विकसित आम की वेरायटी भी किसानों के लिए नए अवसर देने वाली होगी.

 

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