हरियाणा की पहली बागवानी यूनिवर्सिटी का बनेगा मेन कैंपस, सरकार ने दी मंजूरी

हरियाणा की पहली बागवानी यूनिवर्सिटी का बनेगा मेन कैंपस, सरकार ने दी मंजूरी

कुलपति डॉ. सुरेश ने बताया कि विश्वविद्यालय के मेन कैंपस का निर्माण 2 पैकेज में होगा, पहले पैकेज का निर्माण पर करीब 177 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले पैकेज में मुख्य प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन,  पुस्तकालय और अन्य निर्माण होंगे.

बागवानी यूनिवर्सिटी का बनेगा मेन कैंपसबागवानी यूनिवर्सिटी का बनेगा मेन कैंपस
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 29, 2024,
  • Updated Jun 29, 2024, 5:59 PM IST

हरियाणा प्रदेश सरकार की ओर से अनुमानित 358 करोड़ रुपये की लागत से महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के मेन कैंपस का निर्माण करवाया जाएगा, इसके लिए सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी है. इस बारे में जानकारी देते हुए महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय के मेन कैंपस का निर्माण कार्य 2 पैकेज में एक साथ होगा, जो 65 एकड़ जमीन पर किया जाएगा. वहीं, प्रदेश सरकार से निर्माण कार्यों की मंजूरी मिल चुकी हैं, जुलाई माह के अंतिम सप्ताह निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.

कुलपति ने कहा कि निर्माण कार्य लगभग 2 साल में बनकर पूरा हो जाएगा. महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय हरियाणा की पहली बागवानी यूनिवर्सिटी हैं, जो उत्तर भारत के मैदानी इलाके के किसानों के लिए वरदान साबित होगी, विश्वविद्यालय का सबसे पहला फायदा राज्य के किसानों को मिलेगा, जिससे उनकी आय में यकीकन बढ़ोतरी होगी.

कैंपस का निर्माण 2 पैकेज में होगा

कुलपति डॉ. सुरेश ने बताया कि विश्वविद्यालय के मेन कैंपस का निर्माण 2 पैकेज में होगा, पहले पैकेज का निर्माण पर करीब 177 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पहले पैकेज में मुख्य प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन,  पुस्तकालय और अन्य निर्माण होंगे. दूसरे पैकेज में कुलपति निवास,  कर्मचारी निवास, अंतरराष्ट्रीय छात्रावास, लड़के ओर लड़कियों के लिए छात्रावास, किसान प्रशिक्षण छात्रावास महिला और पुरुषों के लिए, बहुउददेशीय हॉल, व्यायामशाला, एम्फीथिएटर, शॉपिंग कॉम्पलैक्स, चिकित्सा देखभाल केंद्र, सीवरेज ट्रीटमेंट सिस्टम, सड़के, बैंक ओर एटीएम, डाकघर आदि का निर्माण किया, इन सभी कार्यों पर करीब 181 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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क्षेत्र में बागवानों का विकास होगा

कुलपति डॉ. सुरेश ने बताया कि विश्वविद्यालय बागवानी फसलों पर अनुसंधान करेगा, नई किस्मों का विकास करेगा. फसल सुरक्षा, पोषण प्रबंधन, फसल प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाएगा. बागवानी के क्षेत्र में बागवानों का विकास होगा. उन्होंने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय के लिए अनुसंधान कार्य किया जाएंगे, जो नवीनतम तकनीक निकलकर आएगी, उसे किसानों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे किसानों को फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि बागवानी फसलें सबसे मूल्यवान होती हैं. किसान तेजी से परपंरागत खेती को छोड़कर बागवानी फसलों की तरफ बढ़ेंगे, क्योंकि बागवानी विश्वविद्यालय मैदानी इलाके किसानों की बागवानी संबंधित समस्याओं का निराकरण करेगा. उन तक नई-नई तकनीक पहुंचाई जाएगी, साथ ही उन्नत किस्मों का बीज और पौध सामग्री उपलब्ध करवाएगा.

मेन कैंपस में बनेंगे 9 विभाग

कुलपति डॉ. सुरेश ने बताया कि महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय के लिए बनने वाले मेन कैंपस में 9 विभाग, जिनमें फल, सब्जी , फूल और मसाले, औषधीय फसल, कटाई उपरांत प्रबंधन, मधुमक्खी पालन, फसल सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विभाग आदि शामिल होंगे. 

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