कर्नाटक के कई जिलों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहत कार्यों के दिए आदेश

कर्नाटक के कई जिलों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहत कार्यों के दिए आदेश

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कलबुर्गी, बीदर, यादगीर और विजयपुरा जिलों में कृष्णा और भीमा नदियों के किनारे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शीर्ष अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं.

कर्नाटक के कई जिलों में बाढ़ का खतराकर्नाटक के कई जिलों में बाढ़ का खतरा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 28, 2025,
  • Updated Sep 28, 2025, 1:04 PM IST

देश के कई राज्यों में बारिश का कहर जारी है. वहीं, दक्षिण भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हाताल हो गए हैं, जिसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कलबुर्गी, बीदर, यादगीर और विजयपुरा जिलों में कृष्णा और भीमा नदियों के किनारे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए शीर्ष अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं. कलबुर्गी में भारी बारिश और महाराष्ट्र के उजानी और नीरा जलाशयों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बेनेथोरा सहित कई निचले इलाकों के गांवों में पानी बढ़ने का खतरा बढ़ गया है, जिससे खेत में खड़ी फसलों के नष्ट होने की आशंका हैं.

बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा, मुख्य सचिव शालिनी रजनीश और कलबुर्गी के उपायुक्त को कड़ी निगरानी बनाए रखने और बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उत्तरी कर्नाटक के चार जिलों के उपायुक्तों और पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को व्यक्तिगत रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए और आपातकालीन उपाय करने चाहिए.

'बाढ़ की स्थिति का निरिक्षण करें अधिकारी'

सिद्धारमैया ने राज्य सचिवालय स्तर पर जवाबदेही की भी मांग की है. उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि ज़िला प्रभारी सचिवों को तुरंत जिलों का दौरा करना चाहिए. साथ ही स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए और जिला प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देने चाहिए. उन्होंने अंतर-विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के सचिव और जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ज़रूर घटनास्थल का दौरा करें.

'बाढ़ से ना हो फसल और पशुधन को हानि'

कलबुर्गी में भारी बारिश से खेतों में पानी भरने और सड़कों के कट जाने की लगातार आ रही खबरों के बीच, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मानव और पशु जीवन सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि ऐसे एहतियाती कदम उठाए जाने चाहिए ताकि जान-माल, फसल, पशुधन और जानवरों को कोई हानि न हो. बाढ़ से प्रभावित परिवारों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए, उन्होंने आदेश दिया कि प्रभावित लोगों के लिए राहत केंद्रों की व्यवस्था की जाए और जानवरों के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध कराया जाए.

किसानों ने फसलों को लेकर जताई चिंता

इन निर्देशों पर अमल करते हुए, ज़िला अधिकारियों ने संकटग्रस्त परिवारों को सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाना शुरू कर दिया है. राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि नावों से लैस बचाव दल बाढ़ प्रभावित इलाकों में गश्त कर रहे हैं, जबकि स्कूलों और सामुदायिक भवनों को अस्थायी राहत शिविरों में बदला जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों, जिनमें से कई किसान हैं उन्होंने अपनी फसलों और मवेशियों को लेकर चिंता व्यक्त की है. वहीं, महाराष्ट्र के जलाशयों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर ऊपरी क्षेत्रों में बारिश जारी रही तो संकट और बढ़ सकता है. (PTI) 

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