Farmers Protest: पटियाला जिले में एक और किसान की मौत, खनौरी बॉर्डर की है घटना

Farmers Protest: पटियाला जिले में एक और किसान की मौत, खनौरी बॉर्डर की है घटना

मृतक किसान बदलेव भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के सदस्य थे. उनकी मौत के बाद किसानों ने पांच लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. इस किसान के मौत के साथ ही विरोध के दौरान मरने वाले किसानों की संख्या सात हो गई है. 

किसान आंदोलन (फाइल फोटो)किसान आंदोलन (फाइल फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 12, 2024,
  • Updated Mar 12, 2024, 11:17 AM IST

एमएसपी गांरटी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. 13 फरवरी को शुरू हुए किसानों के इस आंदोलन का आज 29 वां दिन है. इस बीच खबर आ रही है कि खनौरी बार्डर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक और किसान की मौत हो गई है. मृतक प्रदर्शनकारी किसान पटियाला जिले के कांगथला गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि रविवार की रात खनौरी बॉर्डर पर विरोध के दौरान उन्हें महसूस हुई, इसके बाद उन्हें सरकारी राजिंदरा अस्पताल पटियाला ले जाया गया. जहां पर लगभग तीन बजे उनकी मौत हो गई. इस किसान के मौत के साथ ही विरोध के दौरान मरने वाले किसानों की संख्या सात हो गई है. 

टाइम्स ऑफ इंडियाकी एक रिपोर्ट के मुताबिक मृतक किसान बदलेव भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के सदस्य थे. उनकी मौत के बाद किसानों ने पांच लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. गौरतलब है कि इससे पहले विरोध प्रदर्शन के दौरान गोली लगने ले 22 वर्षीय युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. उनकी मौत के सात दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया था. पंजाब सरकार ने शुभकरण सिंह के परिजनों एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया है. वहीं पंजाब पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज किया और जांच कर रही है. 

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किसानों ने किया था रेल रोको आंदोलन

इधर 11 मार्च को किसान संगठनों की अपील पर देश भर के किसानों ने रेक रोको अभियान किया. किसानों को दिल्ली मार्च से रोके जाने के विरोध में यह रेल रोको प्रदर्शन बुलाया गया था. इस दौरान कई जगहों पर किसानों नें पटरियों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों के विरोध के चलते कई ट्रेनों की सेवाएं भी प्रभावित हुईं. वहीं बीकेयू (चढ़ूनी) गुरनाम सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा (एनपी) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. फिलहाल एक कोर कमिटि पूरी स्थिति की समीक्षा करेगी और फिर आगे का फैसला लिया जाएगा. 

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खाप पंचायतों की हुई एंट्री

उल्लेखनीय है कि पिछले 28 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में अब सर्वखाप पंचायतों की एंट्री हो गई है.  खाप पंचायतों ने अलग-अलग धड़ों में बंटे किसान नेताओं और उनकी बात न मान रही सरकार को एक साथ चेतावनी दी है. टिटौली गांव में बैठक करने के बाद सर्व खाप ने कहा है कि सभी किसान संगठन 15 मार्च तक एक हो जाएं और सरकार उनकी बात मान ले वरना वो खुद अपने हिसाब से आंदोलन चलाएंगे. वो इसी गांव में 13 मार्च से ही आंदोलन के समर्थन में धरना जारी रखे हुए हैं. कहा जा रहा है कि 15 तारीख तक अगर समाधान नहीं होता है तो 2021 की तरह खाप पंचायतें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और जेजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल सकती हैं.


 

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