बड़ी खबर: क्या सरकार और किसानों में MSP पर बन गई बात? 21 फरवरी तक होल्ड पर गया आंदोलन

बड़ी खबर: क्या सरकार और किसानों में MSP पर बन गई बात? 21 फरवरी तक होल्ड पर गया आंदोलन

शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों ने 21 फरवरी तक अपने आंदोलन को होल्ड पर डाल दिया है. यानी इस तारीख तक किसान दिल्ली के लिए कूच नहीं करेंगे. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उन्हें फसलों की MSP को लेकर एक कारगर प्रस्ताव मिला है. किसान इस प्रस्ताव के मद्देनजर अपने आंदोलन को होल्ड कर रहे हैं.

क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Feb 19, 2024,
  • Updated Feb 19, 2024, 2:18 PM IST

शंभू बॉर्डर पर शुरू हुआ किसान आंदोलन फिलहाल 21 फरवरी तक शांत रहेगा. दिल्ली चलो मार्च शुरू करने वाले किसान संगठनों ने कहा है कि 21 मार्च तक उन्होंने अपने आंदोलन को होल्ड पर रखने का फैसला किया है. किसान संगठन ऐसा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि चंडीगढ़ में रविवार रात हुई चौथे दौर की मीटिंग में न्यूनमत समर्थन मूल्य को लेकर कुछ अच्छी बातें आगे बढ़ी हैं. इससे किसान संगठनों में आशा की लहर पैदा हुई है जिसके बाद आंदोलन को 21 फरवरी तक होल्ड पर रखने का निर्णय हुआ है.

किसान नेताओं का कहना है कि वे सरकार के साथ इ मुद्दे पर बात करेंगे और उसके बाद 21 फरवरी से अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण शुरू करेंगे. इस बारे में पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने ANI से कहा, हम इस प्रस्ताव (सरकार का एमएसपी प्रस्ताव) पर अपने सहयोगियों से बात करेंगे, कुछ कृषि एक्सपर्ट से भी मिलेंगे और कानून के जानकारों से भी राय लेंगे. इसके बाद फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है. जहां तक दिल्ली कूच की बात है तो फिलहाल इसे होल्ड पर डाल रहे हैं. 

क्या कहा किसान नेता पंधेर ने?

पंधेर ने कहा कि अभी तक की प्लानिंग के अनुसार 21 फरवरी को 11 बजे तक आंदोलन होल्ड पर रहेगा, उसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से इसे शुरू किया जाएगा. पंधेर ने कहा, इस बीच हमारी पूरी कोशिश रहेगी हम अपनी मांगों को सरकार के सामने पुरजोरी से रखें. अपनी बात रखने का माध्यम कुछ भी हो सकता है. इन दो दिनों में हम सरकार से अपनी बात करेंगे. उधर मंत्रियों ने भी कहा है उनके भी कुछ मुद्दे हैं जिसे वे दिल्ली में जाएंगे और वहां बात करेंगे. 

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आंदोलनकारी किसान अंबाला के नजदीक शंभू बॉर्डर पर जमावड़ा लगाए हुए हैं और दिल्ली कूच की तैयारी में हैं. हालांकि हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने की हरसंभव कोशिश की है. चूंकि किसानों का दिल्ली कूच अभी होल्ड पर चला गया है, इसलिए शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर, ट्रॉली और ट्रकों की बड़ी संख्या देखी जा रही है.

शंभू बॉर्डर पर पुलिस-किसान सामने

किसानों को रोकने के लिए सरकार ने शंभू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर की सुरक्षा लगाई है. यहां कई स्तर की बैरिकेडिंग लगाई गई है ताकि किसानों का जत्था दिल्ली में प्रवेश न कर सके. इसके लिए सीमेंट के ब्लॉक, लोहे का गार्डर और यहां तक कि टायरों को पंचर करने के लिए कीलें भी लगाई गई हैं. ऐसी रिपोर्ट है कि किसानों और पुलिस फोर्स में तकरार के चलते कुछ किसान और पत्रकार भी जख्मी हैं. दूसरी ओर किसानों को भी चोटें आई हैं.

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चौथे दौर की बैठक खत्म होने के बाद पीयूष गोयल ने आश्वस्त किया कि मीटिंग पॉजिटिव रही है किसान संगठनों के साथ हर मुद्दे पर बातचीत हुई. गोयल ने कहा, नए आइडिया और नए विचारों के साथ भारतीय किसान मजदूर यूनियन और अन्य किसान संगठनों के साथ सकारात्मक बातचीत हुई. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि पीएम मोदी के पिछले 10 साल किए गए कार्यों को आगे कैसे बढ़ाना है. रविवार की बैठक चौथी बैठक थी जबकि इससे पहले किसान नेता और मंत्री 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग कर चुके हैं. 

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