Farmers Protest 2024: किसान नेताओं के खिलाफ नहीं लगेगा NSA, सरकार ने वापस लिया फैसला

Farmers Protest 2024: किसान नेताओं के खिलाफ नहीं लगेगा NSA, सरकार ने वापस लिया फैसला

ईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा कि हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारी और उनके नेताओं से शांति व्यवस्था बनाए रखने और कानून बनाए रखने में अधिकारियो को सहयोग करने की अपील करती है. गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले में संपत्ति के नुकसान का विवरण मांगने वाले अधिकारियों के साथ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 23, 2024,
  • Updated Feb 23, 2024, 2:28 PM IST

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत कार्रवाही करने की घोषणा की थी. पर अब इस घोषणा को रद्द कर दिया गया है. अंबाला रेज के आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा कि किसान नेताओं के खिलाफ एनएसए लागू नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों को यह स्पष्ट किया जाता है कि जिला अंबाला के कुछ फार्म यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है. इसके बाद यह फैसला किया गया है कि किसान नेताओं पर इसे लागू नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही पुलिस ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि आंदोलन कर रहे सभी किसान शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की मदद करें. 

आईजीपी सिबाश कबिराज ने कहा कि हरियाणा पुलिस सभी प्रदर्शनकारी और उनके नेताओं से शांति व्यवस्था बनाए रखने और कानून बनाए रखने में अधिकारियो को सहयोग करने की अपील करती है. गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले में संपत्ति के नुकसान का विवरण मांगने वाले अधिकारियों के साथ किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था. अंबाला पुलिस की तरफ से जारी किए गए अधिकारिक बयान में लखा गया है कि 13 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए गए थे, जिन्हें किसान लगातार तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. 

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बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं किसान

किसानों की तरफ से बैरिकेड तोड़ने की कोशिश रोज की जाती है. इसे रोकने पर पुलिसे उपर पथराव किया जाता है. साथ ही हंगामा किया जाता है और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जाता है. पुलिस ने कहा कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों से निजी और सरकारी संपत्ति को काफी नकसान पहुंचाया है. इस नुकसान की भारपाई उनकी जप्ती से की जाएगी. उनकी सपत्ती को जप्त किया जाएगा और बैंक अंकाउंट को सीज किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम में संशोधन किया गया है. 

पुलिस ने शुरू की है कार्रवाई

इस संशोधन के अनुसार अगर किसी आंदोलन में सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो आंदोलन का आह्वान करने वाले संगठन के अधिकारियों को दोषी माना जाएगा, और उनके खिलाफ कार्रवाही की जाएगी. हरियाणा लोक प्रशासन संपत्ति वसूली अधिनियम     2021 के अनुसार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति की संपत्ति कुर्क करने और बैंक खाते जब्त करके सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भारपाई करने का अधिकार है. किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति के हुए नुकसान को लेकर भारपाई शुरू करना शुरू कर दिया है. 

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इसलिए एक्शन में आई थी पुलिस

गौरतलब है कि अंबाला पुलिस ने अपने प्रेस नोट में यह भी कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से किए़ गए पथराव और उपद्रव में 30 किसान घायल हो गए हैं. साथ ही पुलिस के दो जवान शहीद हो गए और 1 जवान ब्रेन हैमरेज का शिकार हो गया. इसके बाद से अंबाला पुलिस एक्शन में आ गई थी और किसानों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाही करने की बात कर रही थी हालांकि अब यब आदेश वापस ले लिया गया है.
 

 

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