राजस्थान के झालावाड़ जिले से दिल दहला देने वाली खबर आई है. यहां के डग तहसील के पाडला गांव में शनिवार को अपने ही खेत पर खेलते हुए ट्यूबवेल में पांच साल का बच्चा गिर गया था और 32 फीट की गहराई में फंस गया था. रविवार दिनभर और रात में एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन कर बच्चे को बचाने का प्रयास किया, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रह गईं. रविवार रात 3.40 बजे बच्चे के शव को ट्यूबवेल से बाहर निकाला गया.
बच्चे को निकालते वक्त उसकी सांसें नहीं चल रही थीं. बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई थी. झालावाड़ जिले के पाडला गांव के किसान कालूलाल बागरी ने चार दिन पहले ये ट्यूबवेल खुदाया था. ट्यूबवेल में पानी नहीं निकलने के कारण उसने खेत में दूसरी जगह ट्यूबवेल खुदवाई थी. दूसरी जगह पर पानी निकाल गया तो घटनास्थल वाले ट्यूबवेल को खुला छोड़ दिया, लेकिन ट्यूबवेल के मुंह पर पत्थर रख दिया था. शनिवार को कालूलाल बागरी का पांच साल का बच्चा प्रहलाद खेलते हुए ट्यूबवेल के उपर पत्थर पर बैठ गया.
पत्थर पर बैठते ही बच्चा ट्यूबवेल में गिर गया. बच्चा जिस पत्थर पर बैठा था, वह 32 फीट गहरे में जाकर फंस गया. इसी पत्थर पर बच्चा भी फंस गया. ट्यूबवेल में गिरने के बाद ही कुछ दूरी पर फसल काट रहे उसके परिजनों और पिता ने ऐसा देखते ही शोर मचाया. फिर गांव के अधिकांश लोग एकत्रित हुए. उन्होंने रस्सी डालकर बच्चे को निकालने की कोशिश की. गांववालों ने रस्सी के सहारे एक दो बार बच्चे को पानी भी पिलाया. बच्चा रस्सी पकड़ कर ऊपर भी आया, लेकिन रस्सी से हाथ छूट गया.
इसके बाद प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई. इस घटना के साथ ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया. सूचना पर जिला कलेक्टर अजय सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर समेत सारा प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया. उधर एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. बच्चे की सांसें शाम तक चल रही थीं, लेकिन रात होते-होते उसकी सांसें बंद होने लगीं.
उधर प्रशासन द्वारा बच्चे को निकालने के लिए एसडीआरएफ के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रात 3.40 बजे बच्चे के शव को बाहर निकाल कर डग सीएचसी लाया गया. वहां से जिला हॉस्पिटल झालावाड़ रवाना किया गया जहां उसका पोस्टमार्टम होगा.
मृतक बच्चा प्रहलाद के पिता कालू सिंह खेती का काम करते हैं. खेत के पास ही बिना मुंडेर के 32 फीट का गड्ढा मौजूद था जिसमें बच्चा गिर गया. राजस्थान में मासूम के बोरवेल में गिरने की यह इकलौती घटना नहीं है. इससे पहले भी खेत में खुले हुए बोरवेल में गिरकर कई मासूम अपनी जान गंवा चुके हैं. हालांकि प्रदेश सरकार ने बोरवेल के खुले गड्ढों को बंद करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं. इसके बाद भी इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं.(फिरोज अहमद खान का इनपुट)