चंद्रपुर में जंगली जानवरों का आतंक: बाघ ने खेत में काम कर रही मह‍िला को मारा, तेंदुए ने बच्‍चे की जान ली

चंद्रपुर में जंगली जानवरों का आतंक: बाघ ने खेत में काम कर रही मह‍िला को मारा, तेंदुए ने बच्‍चे की जान ली

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में 18 सितंबर को दो अलग-अलग घटनाओं में बाघ और तेंदुए के हमले से महिला व सात वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और आदमखोर जानवरों को पकड़ने की मांग की. इलाके में तनाव और दहशत का माहौल है.

Chandrapur wild animal attackChandrapur wild animal attack
क‍िसान तक
  • Chandrapur,
  • Sep 20, 2025,
  • Updated Sep 20, 2025, 6:05 AM IST

महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में जंगली जानवरों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. 18 सितंबर को एक ही दिन में दो अलग-अलग घटनाओं में बाघ और तेंदुए के हमले में दो लोगों की जान गई है. पहली घटना सुबह की है, जब महिला की बाघ के हमले में मौत हुई तो वहीं शाम को तेंदुआ सात वर्षीय बच्चे को गांव में घुसकर उठा ले गया. घटना जिले के सिंदेवाही तहसील के गड़बोरी गांव की है. शाम साढ़े सात बजे के दरम्यान गांव में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले सात वर्षीय प्रशिल बबन मानकर को तेंदुआ उठा ले गया. दोनों घटनाओं के बारे में विस्‍तार से जानिए… 

खेत में काम करने के दौरान बाघ ने किया हमला

पहली घटना: 18 सितंबर की सुबह 40 वर्षीय विद्या कैलाश मसराम अपने खेत में काम कर रही थीं, तभी अचानक बाघ ने हमला कर उन्‍हें मौत के घाट उतार दिया. यह घटना जिले की चिमूर तहसील की है. घटना के बाद ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर वन विभाग के खिलाफ रोष व्यक्त किया. घटनास्थल पर कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति निर्माण हो गई थी. वन विभाग ने मृतक महिला के परिवार की आर्थ‍िक मदद की, जिसके बाद लोग शांत हुए. गांववालों की मांग है कि जल्द से जल्द आदमखोर बाघ को पकड़कर गांव में फैली दहशत को खत्म करे.

घर जा रहे बच्‍चे को उठा ले गया तेंदुआ

दूसरी घटना: बताया जा रहा है कि गांव में सार्वजनिक भोज का आयोजन किया गया था, बच्चा जब अपने चाचा और बहन के साथ खाना खाकर वापस लौट रहा था और तीनों घर के पास पहुंचे ही थे कि अचानक झाड़ियों से निकले तेंदुए ने हमला कर दिया और उठाकर जंगल की ओर घसीटते ले गया. परिवार वालों ने तेंदुए के पीछे भाग कर बच्चे को बचाने की जीतोड़ कोशिश की लेकिन, परिवार वालों के आँखों के सामने तेंदुआ बच्चे को घसीटते हुए जंगल की  ओर ले गया. घटना के बाद परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है. 

गांव में तनाव का माहौल

घटना के बाद परिसर में तनाव की स्थिति बन गई है, लोगों में गुस्सा नजर आ रहा है,  वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया, लेकिन रात होने की वजह से बच्चे का पता नहीं चल सका. इसके बाद करीब 12 घंटे बाद 19 सितंबर की सुबह बच्चे का शव मिला. फ़िलहाल गांव में तनाव का माहौल है. ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ रोष व्यक्त कर रहे है. तनाव की स्तिथि को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी भी रात से ही मौके पर मौजूद हैं. साथ ही वन विभाग के अधिकारी भी ग्रामीणों को समझाने में जुटे हैं. 

इस साल जंगली जानवरों ने 32 जान ली

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही से ये घटना हुई है. ग्रामीणों की मांग है कि गांव के चारों ओर मजबूत कम्पाउंड बनाया जाए और गांव के आसपास के जंगल की सफाई की जाए और जिम्मेदार वन अधिकारियों को निलंबित किया जाए. बता दें कि 15 दिनों में जंगली जानवरों के हमले में जिले में यह पांचवी मौत है.

इस वर्ष वन्यप्राणियों के हमले में कुल 32 ग्रामीणों की जान गई है, जिसमे 29 लोग बाघ के हमले में मारे गए तो वहीं 1 हाथी के हमले तो 1 भालू और अब 1 तेंदुए के हमले में मारे गए. चंद्रपुर में मानव वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे में वन विभाग भी सकते में है. चंद्रपुर के ताडोबा टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसीलिए अब वन विभाग की ओर से ताडोबा के सात बाघों को स्थलांतरित करने का फैसला लिया गया है. (विकास राजूरकर की रिपोर्ट)

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