किसी भी मौसम में लोगों को बाजार में सब्जी की ढेरों वैरायटी मिलती हैं. खासकर, हरी सब्जियों की भरमार सब्जी मार्केट में हमेशा ही रहती है. ऐसी ही एक हरी और पत्तेदार सब्जी है साग. ये साग न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि खाने का स्वाद भी दोगुना कर देता है. बथुआ, सरसों, पालक, चना, मेथी, चौलाई आदि के साग अधिकतर लोग खरीदना और खाना पसंद करते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को साग का स्वाद पसंद नहीं आता, इसलिए वे इसे खाने से बचते हैं. लेकिन, साग के सेवन से ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बल्कि शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है.
ये तो हुई साग खाने की बात, मगर साग उगाने की बात भी काफी अहम है. किसान भी साग की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. अगर आप भी साग की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी ग्रीन बूस्टर का बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से साग का बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन साग की उन्नत किस्म ग्रीन बूस्टर का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
ग्रीन बूस्टर साग उगाना काफी फायदेमंद होता है. इसे खाने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है. इसे उगाना काफी आसान होता है. इसलिए इसको खेत के अलावा, किचन गार्डन और टेरेस गार्डन में भी उगा सकते हैं. यह साग का बीज लगाने के 35-40 दिनों बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है.
अगर आप भी साग की ग्रीन बूस्टर किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म के बीज का 100 ग्राम का पैकेट फिलहाल 42 फीसदी की छूट के साथ 880 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से करेले की खेती कर सकते हैं.
धनिया अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जाना जाता है. धनिया को लोग सब्जी में मसालों के तौर पर प्रयोग करते हैं. यही नहीं ताजा धनिये की पत्तियां हर सब्जी में पकने बाद डाली जाती है, जो सब्जी के स्वाद को और बढ़ा देती है. धनिये की उन्नत किस्म है पंत हरितमा यानी PH किस्म इसकी खासियत ये हैं कि इस किस्म की खेती में बेहतर पैदावार होता है. ये किस्म 120-125 में तैयार हो जाती है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट आपको मात्र 29 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.
मूली कच्ची सब्जी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए उगाई जाती है. इसकी खेती कंद सब्जी के रूप में की जाती है. मूली की जापानी सफेद वैरायटी विदेशी है और पहाड़ी इलाकों में इसे अधिक उगाया जाता है. इसकी ख़ासियत यह है कि बुवाई के दो महीने बाद ही ये किस्म तैयार हो जाती है. इस किस्म की मूली की जड़ें एकदम सफेद होती हैं. इस मूली का स्वाद मीठा होता है और प्रति हेक्टेयर इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 25 से 30 टन है. अगर आप भी इस किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस बीज का 100 ग्राम का पैकेट 30 रुपये में मिल जाएगा.