मंत्री ने अपनी ही सरकार की खोली पोल, कहा-किसानों तक नहीं पहुंच रहा स्कीम का लाभ

मंत्री ने अपनी ही सरकार की खोली पोल, कहा-किसानों तक नहीं पहुंच रहा स्कीम का लाभ

झारखंड की कृषि ने कहा कि बिरसा ग्राम पाठशाला योजना किसानों की ट्रेनिंग और बाजार से जुड़ने के लिए बनाई गई थी, लेकिन यह केवल कागजों पर ही है. उन्होंने कहा, "मैं मौजूदा योजनाओं को सही तरीके से जमीन पर लागू करना चाहती हूं. अगर योजनाओं को सही तरीके से लागू किया गया तो राज्य में पलायन की समस्या खत्म हो जाएगी. हमारा मकसद झारखंड को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है."

India imports a significant portion of its DAP fertiliser requirements from countries like China, Morocco and Saudi Arabia. India imports a significant portion of its DAP fertiliser requirements from countries like China, Morocco and Saudi Arabia. 
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 08, 2025,
  • Updated Jan 08, 2025, 7:44 PM IST

झारखंड की कृषि मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा है कि किसानों तक स्कीमों का लाभ नहीं पहुंच रहा है क्योंकि ग्राउंड लेवल पर योजनाओं को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है. कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल में बनी हेमंत सोरेन की सरकार आम लोगों को कई योजनाओं का लाभ देने का वादा कर रही है. 

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि विभाग अपनी योजनाओं को लागू कराने के लिए ग्राम स्तरीय कर्मचारी (VLW) रखता है, लेकिन वे अन्य विभागों के कामों को देख रहे हैं. कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद तिर्की ने कहा, "हम विभाग की अलग-अलग योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुंच रहा है, क्योंकि वीएलडब्ल्यू अन्य कामों जैसे कि आवास योजना और मनरेगा से जुड़े कामों को अपने हाथ में ले रहे हैं."

क्या कहा कृषि मंत्री ने

कृषि मंत्री तिर्की ने कहा कि विभाग ने वीएलडब्ल्यू को पहले ही पत्र जारी कर उन्हें केवल कृषि से जुड़े काम करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, "हमने वीएलडब्ल्यू के लिए एक सेमिनार करने का फैसला किया है, जहां उन्हें विभाग की अलग-अलग योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वे असली लाभार्थियों तक पहुंच सकें. हम उन्हें हर महीने का टारगेट देंगे और उनकी जवाबदेही तय करेंगे."

उदाहरण देते हुए कृषि ने कहा कि बिरसा ग्राम पाठशाला योजना किसानों की ट्रेनिंग और बाजार से जुड़ने के लिए बनाई गई थी, लेकिन यह केवल कागजों पर ही है. उन्होंने कहा, "मैं मौजूदा योजनाओं को सही तरीके से जमीन पर लागू करना चाहती हूं. अगर योजनाओं को सही तरीके से लागू किया गया तो राज्य में पलायन की समस्या खत्म हो जाएगी. हमारा मकसद झारखंड को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है."

मंत्री ने कहा कि 18 जनवरी को रांची जिले के चान्हो प्रखंड में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला आयोजित किया जाएगा और इसमें वीएलडब्ल्यू और किसानों को आमंत्रित किया जाएगा.(PTI)

 

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