बहराइच में बीते लगभग एक माह से मंझारा तौकली गांव के अलग-अलग अंजीरों समेत जिले कई अन्य क्षेत्रों में भेड़िए और अन्य वन्यवजीवों के हमले जारी हैं. ताजा मामला बहराइच जिले के कैसरगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के मंझारा तौकली के दयाल पुरवा मजरे का है, जिसमें थोड़ी देर पहले किसान मिल्की राम जब अपने खेत पर कम कर रहे थे. उसी दौरान अज्ञात वन्य जीव ने उन पर हमला कर दिया जिसमें वो घायल हो गए. सूचना पर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों के शोर मचाने पर वन्य जीव वहां से फरार हो गया.
घायल मिल्की राम को आनन-फानन में सरकारी एंबुलेंस से स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैसरगंज पर बने स्पेशल वन्य जीव हमले में घायलों के लिए बने वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उन्हें भर्ती कराया गया है और इलाज किया जा रहा है.
इस मामले पर बहराइच वनप्रभाग के डीएफओ डॉक्टर राम सिंह यादव ने बताया कि घायल किसान के शरीर पर जिस तरह वन्य जीव के पंजों के निशान बने हैं उससे ये हमला भेड़िए का नहीं लग रहा है. ये किस जानवर का हमला है इसे डॉक्टर ही स्पष्ट कर सकते हैं. फिलहाल वन विभाग भेड़िये को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहा है.
एक तरफ बहराइच के सर्वाधिक भेड़िया प्रभावित मंझारा तौकली में भेड़िए के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वहीं, अब वन विभाग की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आ रही है. बीती 27 सितम्बर को मंझारा तौकली में सीएम योगी के भ्रमण के दौरान उन्होंने आदमखोर भेड़ियों को गोली मारने के आदेश के बाद भी वन विभाग नहीं किसी भेड़िए को जिंदा पकड़ सका है और न ही किसी भेड़िए को गोली मारने की भी बात कही गई है.
वन विभाग ने अब तक सिर्फ एक भेड़िए के शव प्राप्त होने का दावा किया था, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही गई थी. लेकिन, उस भेड़िए की मौत का भी कारण बन विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है. वहीं, वन विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी पूरी तरह खाली हाथ बना हुआ है. अकेले मंझारा तौकली में तीन मासूमों समेत पांच लोगों की मौत हो चुकी हैं. वहीं, डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.