kamalnath: मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से कमलनाथ की हुई दुसरी बार जीत

kamalnath: मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से कमलनाथ की हुई दुसरी बार जीत

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट को हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जाता है. इस सीट से मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गढ़ माना जाता हैं. कमलनाथ का छिंदवाड़ा सीट से पुराना रिश्ता रहा है. वह इस सीट पर 1980 से अब तक 9 बार सांसद का चुनाव लड़े हैं और एक बार विधायक भी रह चुके है

Kamal NathKamal Nath
धर्मेंद्र सिंह
  • Lucknow ,
  • Dec 03, 2023,
  • Updated Dec 03, 2023, 7:39 PM IST

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट को हाई प्रोफाइल सीटों में गिना जाता है. इस सीट से मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गढ़ माना जाता हैं. कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर 35009 वोटों से जीत दर्ज की है उन्होंने बीजेपी के विवेक बंटी शाहू को हराया है. कमलनाथ को 129829 मत मिले है. वह इस सीट पर 1980 से अब तक 9 बार सांसद का चुनाव जीते हैं और दो बार विधायक भी रह चुके है. छिंदवाड़ा जिले में कल 7 सीट आती है जिसमें चार सीटे आरक्षित है. 2018 की विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. इस बार के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं.

कमलनाथ का सियासी सफर

कमलनाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को हुआ है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. वहीं उनकी शिक्षा कोलकाता में हुई. कमलनाथ कायस्थ जाति से आते हैं. वे भारत के सबसे लंबे समय तक सेवारत लोकसभा सदस्यों में से भी एक है. वे 9 बार सांसद चुने गए हैं. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से 1980 में पहली बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता. इसके बाद  वे1984,1990,1991,1998,1999,2004,2009 और 2014 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए .इंदिरा गांधी के बड़े बेटे संजय गांधी से उनकी खूब गहरी दोस्ती थी लेकिन उनकी मौत के बाद और फिर इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगे में भी उनका नाम आया . कमलनाथ को कांग्रेस सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाने का भी मौका मिला. यूपीए  सरकार में 95 से 96 तक केंद्र सरकार में कपड़ा राज्य मंत्री रहे. 2004 से 2009 तक केंद्र सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी निभाई. 2009 में यूपीए-2 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई. 2018 में मध्य प्रदेश में प्रदेश का अध्यक्ष उन्हें बनाया गया और पार्टी को जीत दिलाने में उन्होंने आम भूमिका निभाई जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया गया. हालांकि 18 महीने ही उनकी सरकार चल पाई.

छिंदवाड़ा सीट का इतिहास

मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा विधानसभा सीट एक हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने जीत हासिल की थी लेकिन 2019 के उप चुनाव में कमलनाथ यहां से विधायक चुने गए. भारतीय जनता पार्टी ने छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ के सामने विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. छिंदवाड़ा विधानसभा सीट अनारक्षित सीट है.साल 2019 के उपचुनाव में बीजेपी के विवेक बंटी साहू का कमलनाथ से मुकाबला हुआ जिसमें कमलनाथ 25000 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष  कमलनाथ ने  बीजेपी के विवेक बंटी साहू को 35009 मतों से हराया है.

छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो इस सीट पर 1990 तक कांग्रेस का सबसे ज्यादा कब्जा रहा है. 1998 में इस सीट पर भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को जीत मिली.  वे 2003 में जीत दर्ज की. 2008 में कांग्रेस के दीपक सक्सेना से हार गए लेकिन फिर 2013 के चुनाव में उन्होंने अपनी हार का बदला ले लिया. भाजपा के चौधरी चंद्रपाल सिंह को जीत मिली थी. 2018 के चुनाव में भी चौधरी चंद्रभान सिंह को हार मिली.

 

 

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