देश में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, नाबार्ड ने 750 करोड़ की लागत से शुरू किया यह प्रोग्राम

देश में स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा, नाबार्ड ने 750 करोड़ की लागत से शुरू किया यह प्रोग्राम

नाबार्ड और कृषि मंत्रालय इस कोष में 250-250 करोड़ रुपये का योगदान देंगे और बाकी राशि अन्य संस्थानों से जुटाई जाएगी. फंड की शुरुआत का उद्देश्य कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन, प्रौद्योगिकी-संचालित, उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों में निवेश को बढ़ावा देना है.

स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावास्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 13, 2024,
  • Updated Jul 13, 2024, 1:13 PM IST

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने शुक्रवार को स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्योग के लिए 750 करोड़ रुपये के कृषि कोष 'एग्री-श्योर' की शुरुआत की घोषणा की है. मुंबई में हितधारकों की एक बैठक में, नाबार्ड की एक सहायक कंपनी, नैब वेंचर्स ने 750 करोड़ रुपये की राशि के साथ कोष की शुरुआत की घोषणा की है. इस कोष का उद्देश्य लगभग 85 कृषि स्टार्टअप को उनके कार्यकाल के अंत तक 25 करोड़ रुपये तक के निवेश के साथ सहायता प्रदान करना है. यह क्षेत्र-विशिष्ट और ऋण वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में निवेश के साथ-साथ स्टार्टअप को प्रत्यक्ष इक्विटी सहायता के माध्यम से सहायता प्रदान करेगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में होगा विकास

नाबार्ड और कृषि मंत्रालय इस कोष में 250-250 करोड़ रुपये का योगदान देंगे और बाकी राशि अन्य संस्थानों से जुटाई जाएगी. फंड की शुरुआत का उद्देश्य कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन, प्रौद्योगिकी-संचालित, उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों में निवेश को बढ़ावा देना है. कृषि विभाग और नाबार्ड ने एक बयान में कहा कि किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ए.के. साहू ने कहा कि इस पहल का व्यापक उद्देश्य कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करना है.

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लक्ष्य स्टार्टअप को बढ़ावा देना

संसाधनों की अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमें नवाचार और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है. एग्री-श्योर उस दिशा में एक बड़ी छलांग है. इस फंड की मदद से हमारा लक्ष्य स्टार्टअप को नवीन और टिकाऊ समाधान प्रदान करने में सहायता करना है. "मुंबई में आयोजित हितधारक कार्यक्रम में कृषि और किसान कल्याण विभाग के ए.के. साहू, नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी, नाबार्ड के डीएमडी गोवर्धन सिंह रावत और नाबार्ड के डीएमडी अजय कुमार सूद शामिल हुए.

किसानों को मिलेगा टिकाऊ तकनीक

एग्री-श्योर के फोकस क्षेत्रों में कृषि में अभिनव, प्रौद्योगिकी-संचालित पहलों को बढ़ावा देना, कृषि उपज मूल्य श्रृंखला को बढ़ाना, नए ग्रामीण पारिस्थितिकी तंत्र लिंकेज और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, रोजगार पैदा करना और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का समर्थन करना शामिल है. इसके अलावा इस फंड का उद्देश्य किसानों के लिए आईटी-आधारित समाधानों और मशीनरी किराये की सेवाओं के माध्यम से उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है, जिससे कृषि क्षेत्र में सतत विकास और विकास को बढ़ावा मिलेगा.

नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा, "कृषि में फिनटेक नवाचार न्यूनतम खर्च के साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है. केवल लोन कृषि क्षेत्र में समस्या का समाधान नहीं करेगा. विकास का अगला स्तर उन नवाचारों से आएगा, जिनमें सार्वजनिक और निजी संस्थानों द्वारा सह-भागीदारी की आवश्यकता है. इस फंड के साथ हमारा लक्ष्य शुरुआती चरण के नए स्टार्टअप का समर्थन करना और किसानों को टिकाऊ और टिकाऊ तकनीकी समाधानों के साथ मदद करना है.

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