नीति आयोग के सदस्य ने कहा- MSP केवल स्थिर मूल्य की गारंटी दे सकता है, सर्वोत्तम मूल्य की नहीं

नीति आयोग के सदस्य ने कहा- MSP केवल स्थिर मूल्य की गारंटी दे सकता है, सर्वोत्तम मूल्य की नहीं

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) स्थिर कीमतों की गारंटी दे सकता है, लेकिन हमेशा सर्वोत्तम दरों की नहीं.

MSP केवल स्थिर मूल्य की गारंटी दे सकता है, सर्वोत्तम मूल्य की नहींMSP केवल स्थिर मूल्य की गारंटी दे सकता है, सर्वोत्तम मूल्य की नहीं
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Dec 25, 2022,
  • Updated Dec 25, 2022, 4:23 PM IST

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने एक कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) स्थिर कीमतों की गारंटी दे सकता है, लेकिन हमेशा सर्वोत्तम दरों की नहीं, जो केवल बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा (Competition) के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है. 

बाजर में प्रतिस्पर्धा से मिलता है सर्वोत्तम मूल्य

दरअसल, एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने के लिए किसान समूहों की मांग पर बोलते हुए, चंद ने कहा कि किसान चाहते हैं कि उनकी उपज के लिए सबसे अच्छी कीमत मिले और खुद को कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके. मेरे विचार में, एमएसपी सभी स्थितियों में सर्वोत्तम मूल्य नहीं है, यह निश्चित रूप से एक स्थिर मूल्य है. सर्वोत्तम मूल्य प्रतिस्पर्धा (Competition) से आता है. यदि बाजार में प्रतिस्पर्धा है, तो किसानों को सर्वोत्तम मूल्य मिल सकता है." 

सरकार 22 फसलों के लिए तय करती है एमएसपी

उन्होंने कहा कि सरकार 22 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. वही सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत और राशन की दुकानों के माध्यम से वितरित करने के लिए गेहूं और धान की खरीद की जाती है. कुछ मात्रा में तिलहन और दालों की भी खरीद होती है.

किसानों को बाजार के अवसरों का उठाना चाहिए लाभ

रमेश चंद, जो एमएसपी पर सरकार द्वारा नियुक्त समिति के सदस्य भी हैं, ने आगाह किया कि किसी को एमएसपी पर बहुत अधिक निर्भर नहीं होना चाहिए, यह कहते हुए कि किसानों को बाजार के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए. 

उन्होंने आगे कहा कि कीमतों में अधिकतम वृद्धि उन क्षेत्रों में देखी जा रही है जहां मूल्य के मोर्चे पर सरकार का दखल बहुत कम है. उन्होंने इसके लिए डेयरी, मछली पालन और बागवानी से जुड़े क्षेत्रों में तेजी से और लगातार विकास का हवाला देते हुए कहा कि इसलिए हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि एमएसपी प्रणाली सभी स्थितियों और परिस्थितियों में सर्वोत्तम मूल्य दे सकती है.

सरकार के लिए पैदा हो जाएगी वित्तीय समस्या

एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने की मांग का जिक्र करते हुए चंद ने कहा कि इसके कई मायने होंगे. इसके लिए तीन कीमतों पर विचार करना होगा - एमएसपी, उचित बाजार मूल्य और वास्तविक बाजार मूल्य. वही उचित बाजार मूल्य एमएसपी से अधिक होने की स्थिति में समर्थन मूल्य को कानूनी बनाने से काम चलेगा. हालांकि, अगर उचित बाजार मूल्य एमएसपी से कम है, तो व्यवसायी बाजार से हट जाएंगे, जिससे सरकार के लिए वित्तीय समस्या पैदा हो जाएगी.

एमएसपी पर एक समिति का किया गया गठन

इस साल जुलाई में, सरकार ने एमएसपी पर एक समिति का गठन किया था, क्योंकि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था, जिसके खिलाफ किसान एक साल से अधिक समय से आंदोलन कर रहे थे. समिति एमएसपी प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के तरीकों पर विचार कर रही है.  

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