किसान तक का किसान कारवां पहुंचा यूपी के सिद्धार्थनगर, फसल उत्पादन बढ़ाने की दी गई जानकारी

किसान तक का किसान कारवां पहुंचा यूपी के सिद्धार्थनगर, फसल उत्पादन बढ़ाने की दी गई जानकारी

किसानों ने यह भी बताया कि पहले हम लोग पुरानी पद्धति से खेती करते थे. जिससे पैदावार कम होती थी. हम रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग करते थे. लेकिन अब हम रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करेंगे. सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है. यह बहुत अच्छा प्रोग्राम है. इससे हमें काफी जानकारी मिली है.

यूपी के मुजफ्फरनगर पहुंचा किसान कारवांयूपी के मुजफ्फरनगर पहुंचा किसान कारवां
क‍िसान तक
  • Siddharthnagar,
  • Jan 29, 2024,
  • Updated Jan 29, 2024, 10:02 PM IST

13 जनवरी को यूपी के मेरठ से शुरू हुआ किसान-से-किसान का कारवां मुजफ्फरनगर, मेरठ, सीतापुर, बरेली, बहराईच होते हुए आज सिद्धार्थनगर जिले के खेसरहा ब्लॉक के बनौली बाजार पहुंचा. जहां बड़ी संख्या में क्षेत्रीय किसान मौजूद रहे. इस अवसर पर किसान कारवां के साथ चल रहे जादूगर ने किसानों को बहुत ही सरल भाषा में बेहतर उपज पैदा कर अपनी आय दोगुनी करने के गुर बताये. साथ ही आधुनिक तरीके अपनाकर अपनी उपज बढ़ाने वाले किसानों ने अपनी नई जानकारी भी अन्य किसानों के बीच साझा की. जिससे कार्यक्रम में आये किसानों ने इसे काफी लाभदायक बताया.

फसलों की पैदावार बढ़ाने की दी गई जानकारी

किसानों ने यह भी बताया कि पहले हम लोग पुरानी पद्धति से खेती करते थे. जिससे पैदावार कम होती थी. हम रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग करते थे. लेकिन अब हम रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करेंगे. सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है. यह बहुत अच्छा प्रोग्राम है. इससे हमें काफी जानकारी मिली है.

किसानों के बीच पहुंची ये कंपनी

स्वराज ट्रैक्टर 742 की खासियत 

स्वराज ट्रैक्टर के एग्जीक्यूटिव रवींद्र कुमार ओझा ने बताया कि स्वराज ट्रैक्टर का 742 मॉडल काफी कम कीमत में काफी उपयोगी साबित हुआ है. यह मॉडल हर काम को करने में बेजोड़ है. इसके साथ ही 744 मॉडल भी है. स्वराज ट्रैक्टर्स के पास देश भर में स्पेयर पार्ट्स और सर्विस सेंटरों की एक विस्तृत श्रृंखला है ताकि हमारे ग्राहकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े. यही कारण है कि यह ट्रैक्टर बिक्री में नंबर वन है.

किसानों ने की तारीफ

किसानों ने की किसान कारवां की तारीफ

यहां आए किसानों ने बताया कि यहां हमें यह बताया गया कि रासायनिक उर्वरकों का उपयोग छोड़कर देशी उर्वरकों का प्रयोग कर कम लागत में आधा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. हमारे क्षेत्र में काला नमक चावल का उत्पादन होता है. जो अपने गुणों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. हम उत्पादन भी कर रहे हैं लेकिन सरकार को इसकी बिक्री को लेकर और सुविधाएं देने की जरूरत है. हम आधुनिक तरीके अपनाकर अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं. यहां लगाए गए स्टॉल से हमें जानकारी मिली कि पौधों को कीड़ों से होने वाले नुकसान से फसल को बचाने के लिए किन कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है. यह प्रोग्राम बहुत अच्छा है. इससे हमें काफी नई जानकारी मिली है. किसान कारवां का आयोजन यूपी सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. इस पूरे कारवां में एसोसिएट पार्टनर के तौर पर अनमोल, धानुका और स्वराज जुड़े हुए हैं. (अनिल तिवारी की रिपोर्ट)

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