भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की द्वितीय वार्षिक आम सभा का आयोजन शनिवार को इफको मुख्यालय में हुआ. उच्च गुणवत्ता एवं अधिक उपज के साथ देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए सहकारिता मंत्री अमित शाह के निर्देश पर बहुराज्य सहकारी समिति- भारतीय बीज सहकारी समिति का गठन 2023 में किया गया था. बीबीएसएसएल अध्यक्ष एवं विपणन निदेशक इफको योगेंद्र कुमार ने कहा कि पांचवें वित्तीय वर्ष के अंत में अनुमान के मुताबिक पंद्रह हजार करोड़ टर्न ओवर का आकलन किया गया है.
राज्यों से बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं विपणन के लिए स्वीकृति पत्र मिल चुके हैं. बीज उत्पादन करने के लिए प्रदेशों में कार्यरत सहकारी संस्थाओं और प्रतिनिधियों से बात करके क्षमता के अनुसार बीज व्यवसाय के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, साथ ही समिति अपने बीज बेचने के लिए राज्य सरकारों से सम्पर्क करके निविदाओं में शामिल होने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने भारतीय बीज सहकारी समिति को दालों एवं तेल वाली फसलों में बीजों के वितरण के लिए नोडल संस्थाओं में शामिल कर लिया है.
वर्ष 2023-24 की रबी फसलों बीज के उत्पादन के लिए चार राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात में 78 बीज उत्पादकों के प्रक्षेत्रों में लगभग 1100 एकड़ क्षेत्र में गेंहू, चना, सरसों एवं मटर फसलों के उत्पादकों से आधारीय बीजों का उत्पादन कराया गया है. अब इन बीजों का वर्ष 2024-25 की रबी फसलों के प्रमाणित बीजों के उत्पादन में प्रयोग किया जाएगा.
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भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष के शुरुआत से ही सदस्यता अभियान की शुरूआत कर दी थी. प्रस्ताव के अुनसार, कुल 11759 आवेदकों के शेयर प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे. 14 आवेदकों के आवेदन वापस कर दिए गए है. योगेंद्र कुमार ने सभी समितियों से निवेदन किया कि वह शीघ्र-अतिशीघ्र अपना रजिस्ट्रेशन कर लें. किसान ऐप के माध्यम से भी पंजीकरण कर सकते हैं.
समिति के नियंत्रण और निर्देशन के लिए पांचों प्रवर्तक संस्थाओं (इफको, करिभको, नाफेड, एनसीडीसी एवं एंडीडीबी) से एक-एक प्रतिनिधि को चुनकर अंतरिम बोर्ड का गठन किया गया है. वैधानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नियमित बोर्ड का गठन जुलाई 2023 में किया गया और बोर्ड के सदस्यों के चुनाव के बाद योगेंद्र कुमार को सर्वसम्मति से बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया.
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मिलकर केंद्र एवं राज्य सरकारों की सहायता से उन्नत एवं पारम्परिक बीजों के उत्पादन एवं वितरण में नई ऊंचाइयां हासिल करने की कोशिश करेगा. बीज व्यवसाय की शुरूआत भी प्रमाणित/ट्रुथफुल बीजों के द्वारा सहकारी समितियों के साथ मिलकर शुरू करेगा. अपने समिति के स्वयं के उत्पादित बीजों का व्यवसाय रबी 2025-26 से शुरू हो जाएगा, जिसके लिए कई राज्यों की संस्थाओं के साथ व्यवसायिक समझौते भी किए जा रहे है.