मध्य प्रदेश में कई किसान संगठन साेयाबीन पर एमएसपी 6000 रुपये करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है. इस बीच भारतीय किसान संघ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से शुक्रवार को मुलाकात की. सीएम ने किसान संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ उनकी समस्याओं पर बात की. किसान संघ ने सीएम से मांग की कि सरकार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की पूर्ण खरीदी करे. साथ ही समर्थन मूल्य 4852 पर 1108 रु का बोनस भी दे, ताकि किसानों को 6000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल सके. किसान संघ ने सीएम से नियमित चर्चा करने का आग्रह किया, ताकि सरकार किसानों की समस्याओं पर सही नीति निर्धारण के माध्यम से उनके हित में काम कर सके.
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया कि राजस्व एवं कृषि से जुड़े विषयों पर जल्दी काम होना चाहिए. इसके अलावा संघ ने आगामी रबी सीजन के लिए किसानों को उत्तम मानक के पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज, दवाइयां की उपलब्धता कराने का आग्रह किया और जले हुए ट्रांसफार्मर 24 घंटे में बदलने की मांग की. इसके अलावा किसानों को स्थाई पंप कनेक्शन 500 रुपये में देने, सभी मंडियों में 10 टन के कांंटों से तुलाई करने और मंडियों में मानक परीक्षण के लिए डोकेज़ मशीन अनिवार्य करवाने का आग्रह किया, ताकि किसानों की फसल का सही मानक तय हो और अनाज समर्थन मूल्य से नीच न बिके.
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वहीं, बैठक में मुख्यमंत्री माेहन यादव ने सभी समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया. इस प्रतिनिधि मंडल में अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोसे बसोतिया, प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर, प्रदेश कोषाध्यक्ष नवनीत रघुवंशी, मध्यभारत प्रान्त अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान, प्रान्त संगठन मंत्री मनीष शर्मा, प्रान्त कोषाध्यक्ष शिवनंदन रघुवंशी, मालवा प्रान्त अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल, प्रान्त महामंत्री रमेश दांगी, महाकौशल प्रान्त संगठन मंत्री भरत पटेल शामिल थे.
इधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने सोयाबीन एमएसपी को लेकर 1 अक्टूबर को राज्यभर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक हाईवे जाम करने का आह्वान किया है. वहीं, इसके बाद भी मांग नहीं माने जाने पर भोपाल कूच करने की चेतावनी दी है. हालांकि, इसके पहले प्रदेश के सीएम भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंड से मुलाकात कर मुद्दे हल करने की बात कही है. बता दें कि मध्य प्रदेश इस साल सोयाबीन उत्पादन में टॉप पर है. इसके बाद महाराष्ट्र और राजस्थान का नंबर है. पिछले दो सालों से मध्य प्रदेश सोयाबीन उत्पादन में पिछड़ रहा था.
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