पंजाब सरकार अगले महीने से शुरू होने वाली धान खरीद की तैयारियों में जुटी है, लेकिन राज्य के गादामों में नई उपज को रखने के लिए जगह तक नहीं है. ऐसे में चावल मिलर्स ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास चावल पहुंचाने के लिए जगह की कमी का मुद्दा फिर से उठाया है. अनुमान के मुताबिक, पंजाब की मंडियों में करीब 190 लाख टन (एलएमटी) धान आएगा. इससे 125 लाख टन चावल का उत्पादन होगा. जबकि, एफसीआई के गादामों में पहले से ही चावल, गेहूं सहित अन्य फसलों का स्टॉक भरा पड़ा है. इसलिए चावल मिलर्स की भी चिताएं बढ़ती जा रही हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार नई उपज को रखने के लिए गोदामों में जगह बनाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, एफसीआई के पास उपलब्ध जगह के अलावा, राज्य 27 लाख टन क्षमता वाले गोदामों को पट्टे पर लेने की योजना बना रहा है. ऐसे भी 30 सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में एक बैठक होने वाली है. इस बैठक में मिलर्स के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे.
ये भी पढ़ें- करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी, पीएम किसान की 18वीं किस्त इस तारीख को होगी जारी
एफसीआई ने संकेत दिया है कि वह पंजाब के गोदामों से हर महीने 5 लाख टन धान निकाल सकता है. इसलिए, बाद में कुल 80-85 लाख टन भंडारण क्षमता बनाई जा सकती है. हालांकि, ताजा उपज आने के साथ ही, स्टॉक को स्टोर करने का सवाल भी बना हुआ है. बुधवार को पंजाब राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण बिंटा के नेतृत्व में चावल मिलर्स के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की और बाद में केंद्रीय खाद्य मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को उठाया. पिछले सप्ताह इसी प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में एफसीआई मुख्यालय में प्रहलाद जोशी से मुलाकात की थी और बताया था कि पिछले वर्षों के चावल और गेहूं के स्टॉक से अन्न भंडार पहले से ही भरे हुए हैं.
एफसीआई के महाप्रबंधक बी श्रीनिवासन ने कहा कि नवंबर के अंत तक करीब 30 लाख टन जगह बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद और जगह उपलब्ध कराई जाएगी. इसलिए चावल मिलर्स को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
ये भी पढ़ें- गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात से सरकार ने हटाया बैन, व्यापारी बोले फैसले से किसानों को होगा फायदा
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार शाम को कहा था कि राज्य सरकार किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने राज्य में धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा के दौरान खरीद प्रक्रिया, भंडारण और भुगतान समेत कई बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में तत्काल पेमेंट ट्रांसफर करने के लिए स्पेशल इकोसिस्टम विकसित किया गया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today