भारतीय खाद्य और सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी कमला वर्धन रो ने नकली उत्पादों के खिलाफ खाद्य तेल उद्योग को आगाह किया है. उन्होंने कहा, "भारत खाद्य उत्पादों में बहुत अधिक मिलावट देखा जाता है, इसे रोकने की जरूरत है." शनिवार को राइस ब्रान ऑयल (आईसीआरबीओ)-2023 को सातवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने तेलहन फसलों का उत्पादन और निष्कर्षण (extraction) बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'इससे कीमतों को कम करने और राइस ब्रान ऑयल की खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी.'
उन्होंने कहा, “भारत में काफी ज्यादा खाद्य तेल आयात किया जाता है. सरकार घरेलू तेलों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कुछ खाद्य तेलों पर उत्पाद शुल्क बढ़ा रही है. राइस ब्रान ऑयल इस खाई को पाटने में मदद कर सकता है."
बता दें कि तीन दिवसीय ICRBO 2023 का आयोजन इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ राइस ब्रान ऑयल (IARBO) और सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. सम्मेलन में चीन, थाईलैंड, जापान, वियतनाम और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों के अलावा उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के लगभग 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया में राइस ब्रान ऑयल उत्पादन का जायजा लेना और 'हेल्दी ऑयल' को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार करना था.
जयेश रंजन, प्रधान सचिव (आईटी और उद्योग, तेलंगाना) ने कहा कि राज्य पिछले आठ वर्षों में धान उत्पादन में अग्रणी बन गया है. उन्होंने आगे कहा, “राज्य ने धान के कुछ क्षेत्र को ताड़ के तेल में बदलने और अगले कुछ चार वर्षों में 20 लाख एकड़ को कवर करने की योजना बनाई है. इससे देश को आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी."
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आईएआरबीओ के अध्यक्ष अशोक सेठिया ने कहा, “कुछ चुनौतियां हैं जिन्हें उद्योग को संबोधित करने की आवश्यकता है. हमें भंडारण और प्रोसेसिंग में नुकसान को कम करने और सूक्ष्म पोषक तत्वों के नुकसान को कम करने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की जरूरत है.
आईएआरबीओ के महासचिव बी वी मेहता ने कहा कि 1.05 मिलियन टन के उत्पादन आधार के साथ भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और आरबीओ का सबसे बड़ा उत्पादक है.