चुनाव तो अभी दूर है लेकिन अगर आज भी चुनाव हो जाएं, तो कांग्रेस उसके लिए पूरी तरह तैयार है और बीजेपी-जेजेपी को मात देने में सक्षम है. क्योंकि हरियाणा की जनता बेसब्री से चुनाव का इंतजार कर रही हैं. जनता गठबंधन को चलता करने और कांग्रेस की सरकार बनाने का मन बना चुकी है. क्योंकि बीजेपी-जेजेपी सत्ता के अहंकार में अंधी और बहरी हो चुकी हैं. उसे ना किसान, ना आम जनता का दर्द दिखाई देता और ना ही सुनाई देता. ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का. आज हुड्डा हिसार कई सामाजिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने पहुंचे थे.
हिसार अनाज मंडी में पहुंचकर उन्होंने प्रेस वार्ता की और किसान, मजदूर व आढ़तियों से बातचीत की. सभी ने सरकारी अव्यवस्था पर अपनी नाखुशी जाहिर की. हुड्डा ने कहा कि मंडियों में फैली दुर्व्यवस्था की वजह से किसान और उसके अनाज दोनों की बेकद्री हो रही है. क्योंकि, कई दिनों से प्रदेश की मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि यहां-वहां चिट्ठी लिखने की बजाए सरकार को स्पष्ट तौर पर वैल्यू कट का खर्च खुद वहन करना चाहिए और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार अनाज के उठान को लेकर गंभीर नहीं है. मंडियों में जगह नहीं बचने के चलते किसान को मजबूरी में सड़कों पर अपनी फसल रखना पड़ रहा है. सरकार ने वक्त रहते उठान के लिए ट्रांसपोर्टर्स को टेंडर नहीं दिया. अब जो टेंडर दिया गया है, उसमें भी बड़े घोटाले की आशंका है. क्योंकि ऐसे लोगों को टेंडर दिया गया है, जिनके पास गाड़ियां तक नहीं है. उन्होंने गाड़ियों के फर्जी नंबर दिखाकर टेंडर लिया है. सरकार को पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवानी चाहिए.
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इससे पहले लगातार मंडियों का दौरा कर रहे हुड्डा ने पत्रकारों को बताया कि सरकार द्वारा किए जा रहे 72 घंटे में पेमेंट करने, किसानों को एमएसपी और खराबे का मुआवजा देने वाले दावे धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहे. उन्होंने सोनीपत, गोहाना पानीपत, घरौंडा, करनाल से लेकर कुरुक्षेत्र समेत प्रदेश की कई मंडियों में जाकर खुद किसानों से बात की है. सरसों के किसानों को एमएसपी से 500-1000 रुपये प्रति क्विंटल कम रेट पर अपनी फसल बेचनी पड़ी. भावांतर भरपाई योजना का ढकोसला करने वाले सरकार ने सरसों किसानों के नुकसान की भरपाई क्यों नहीं की?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार द्वारा कभी पोर्टल के नाम पर और कभी नमी, लस्टर लॉस के नाम पर वैल्यू कट लगाना अनुचित है. क्योंकि मौसम के ऊपर किसानों का जोर नहीं चलता. इसलिए यहां-वहां चिट्ठी लिखने की बजाए सरकार को स्पष्ट तौर पर वैल्यू कट का खर्च खुद वहन करना चाहिए और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ₹500 प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए. मुआवजा देने में हो रही देरी भी किसानों के लिए घातक है. उन्हें 25000 से लेकर ₹50000 प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन और विकास के हर पैमाने पर नंबर वन था. लेकिन मौजूदा सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी, अपराध, नशे, भ्रष्टाचार और कर्ज लेने में नंबर वन बना दिया. पूरे प्रदेश में सरकार के पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि भी नहीं है.