किसानों के लिए खुल जाएगा 10 लाख करोड़ का वैश्‍विक बाजार, शाह ने दी ये बड़ी जानकारी

किसानों के लिए खुल जाएगा 10 लाख करोड़ का वैश्‍विक बाजार, शाह ने दी ये बड़ी जानकारी

भारत समेत दुनियाभर में केमिकल-फ्री खाने-पीने की चीजों की डिमांड बढ़ रही है. लेकिन, अभी कृषि उत्‍पादन केमिकल फर्टिलाइज और कीटनाशकों पर ही निर्भर है. ऐसे में अब भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अ‍मित शाह ने कहा कि नेचुरल फार्मिंग की शुरुआत में बेकार लग सकती है, लेकिन ये भविष्‍य में भारत के किसानों के लिए 10 लाख कराेड़ रुपये का बाजार खोलेगी.

कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह.कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 21, 2024,
  • Updated Nov 21, 2024, 1:51 PM IST

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में 800 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाले अत्याधुनिक पशु आहार संयंत्र का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने प्राकृतिक खेती के महत्‍व और इसके वैश्‍विक बाजार पर भी बात की. संबोधन के दौरान अमित शाह ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की और कहा कि आने वाले दिनों में प्राकृतिक खेती किसान की समृद्धि का कारण बनेगी और देश-दुनिया के लोगों को कैंसर, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से मुक्ति दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगी.

अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती बहुत आसान है और इससे समाज का स्वास्थ्य और आय बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उनके उत्पाद के लिए अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) की स्थापना की है, जो किसानों से प्राकृतिक खेती से उगाये गए उत्पाद खरीद कर उनका निर्यात करेगी.

पहले साल कम हो सकता है उत्‍पादन

अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने पर पहले साल में फसल थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन दूसरे और तीसरे साल में लाभ होगा. प्राकृतिक खेती करने पर केंचुए से ही खेत काफी समृद्ध हो जाएगा और कोई कीटनाशक छिड़कने की जरूरत नहीं होगी. इस प्रयोग को गुजरात में काफी अपनाया गया है और डेयरी क्षेत्र को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण को शामिल करना चाहिए.

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गोबरधन योजना से मिल रही मदद

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने ज्यादा पशुधन रखने वाले लोगों के लिए ‘गोबरधन योजना’ की शुरुआत की है. गुजरात की कई डेयरियों ने गोबरधन के कॉन्‍सेप्‍ट को बहुत अच्छे तरीके से लागू किया है. गोबरधन से बनी खाद खेतों को समृद्ध बनाती है. उन्होंने कहा कि जब सहकारिता आंदोलन में डेयरी की शुरुआत की गई, उस समय किसी को नहीं पता था कि अमूल 60 हजार करोड़ रुपए का बड़ा तंत्र बन जाएगा. प्राकृतिक खेती की शुरुआत में भी यह प्रयोग व्यर्थ लग सकता है, लेकिन यह भारत के किसानों के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का वैश्विक बाज़ार खोलेगी और देश में समृद्धि लाएगी.

आहार संयंत्र से बढ़ेगा रोजगार

अमित शाह ने कहा कि लगभग 210 करोड़ रुपए की लागत से बने साबर डेयरी के पशु आहार संयंत्र से स्थानीय लोगों के मवेशियों को पोषक आहार मिलेगा. 800 मीट्रिक टन क्षमता का यह अत्याधुनिक चारा संयंत्र न केवल साबरकांठा और अरावली के किसानों की चारे से जुड़ी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 में अपनी स्थापना से लेकर पशु आहार संयंत्र के उद्घाटन तक साबर डेयरी ने 2050 मीट्रिक टन पशु आहार क्षमता हासिल की है.

भारत में दूध उत्‍पादन का औसत सबसे ज्‍यादा

भारत में वर्ष 1970 में प्रतिदिन सिर्फ 40 किलो ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष दूध उपलब्ध था, जबकि 2023 में देश में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 167 किलो ग्राम दूध की उपलब्धता थी, जो दर्शाता है कि दुनिया के सभी देशों में प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन की सबसे ज्यादा औसत भारत की है और इसमें सहकारी आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान है. अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि साबर डेयरी की स्थापना के रूप में जो बीज बोया गया था वो आज एक वटवृक्ष बनकर साढ़े तीन लाख से ज्यादा परिवारों की आजीविका के रूप में उभरा है. 

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