केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड होने के बावजूद इलाज के लिए पैसे लेने पर गुजरात के एक अस्पताल पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इतना ही नहीं, अस्पताल को मरीज के परिवार से वसूले गए 9 लाख रुपये भी लौटाने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए अस्पताल को सात दिन का समय दिया गया है. मामला अहमदाबाद के गुरुकुल स्थित स्टर्लिंग हॉस्पिटल का है. आरोप है कि अस्पताल ने मरीज के पास पीएमजेएवाई कार्ड होने के बावजूद इलाज के लिए 9 लाख रुपये वसूले. आरोप है कि समय पर पैसा जमा नहीं करने पर इलाज बंद कर दिया गया, जिससे मरीज की मौत हो गयी. अब शिकायत मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कार्रवाई की है.
दरअसल, अहमदाबाद के सोला में रहने वाले जशवंत नायक की पत्नी रंजना नायक को दिल का दौरा पड़ने के बाद आपातकालीन उपचार के लिए स्टर्लिंग अस्पताल ले जाया गया था. रंजना नायक के पास पीएमजेएवाई कार्ड होने के बावजूद स्टर्लिंग अस्पताल ने योजना के तहत उनका इलाज नहीं किया. आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के लिए पैसों की मांग की. मरीज की हालत को देखते हुए अस्पताल ने कैश जमा करने या मरीज को दूसरी जगह शिफ्ट करने को कहा था. मरीज की हालत देखकर परिवार ने इलाज के लिए नकदी जमा कर दी.
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मरीज रंजना नायक के पति जशवंत नायक ने आजतक से बात करते हुए कहा, ''मेरी पत्नी को 23 सितंबर को दिल का दौरा पड़ा था. जबकि पीएमजेएवाई कार्ड सक्रिय था, हमें स्टर्लिंग अस्पताल द्वारा बताया गया था कि मरीज का इलाज पीएमजेएवाई के तहत नहीं किया जा सकता है.'' हमसे पैसे मांगे गए, जो हमने चुका दिए. उनका आरोप है कि जब इलाज शुरू हुआ तो अस्पताल ने हमसे दोबारा पैसे मांगे, जिसमें देरी होने पर उनकी पत्नी का इलाज भी रोक दिया गया. आखिरकार 1 अक्टूबर को उनकी पत्नी की मौत हो गई. अस्पताल ने उन्हें इलाज के लिए 9 लाख रुपये नकद देने के लिए मजबूर किया.
अहमदाबाद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मरीज के पास सक्रिय पीएमजेएवाई कार्ड होने के बावजूद, स्टर्लिंग अस्पताल ने रिपोर्ट, दवाओं और सर्जरी के लिए उसके परिवार के सदस्यों से 9 लाख रुपये नकद मांगे. अस्पताल के प्रतिनिधि की मौजूदगी में कमेटी में इस मामले पर चर्चा के बाद अस्पताल दोषी साबित हुआ है. अस्पताल ने स्पष्ट रूप से PMJAY दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है. इसके चलते मृतक मरीज के परिवार को 9 लाख रुपये और सरकार को 45 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सात दिन का समय दिया गया है. वहीं, इस पूरे मामले पर स्टर्लिंग हॉस्पिटल ने चुप्पी साध रखी है.